Pandit Dhirendra Shastri | Photo Credit: IBC24
नई दिल्ली: Pandit Dhirendra Shastri इस वक्त देश में कथावाचकों और भविष्यवक्ताओं का प्रभाव बढ़ा है। हर ऐसी शख्सियत का, एक श्रोतावर्ग है। इन आयोजनों में धर्म से जुड़ा ज्ञान और सनातन का प्रचार बहुत तेजी से हो रहा है और ऐसे ही एक शख्स हैं। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जिन्होंने एक फिर से कुछ ऐसा कह दिया है। जिससे सनातन पर हमले का विरोध करने वाले एकजुट हुए हैं और बवाल भी मचा है।
Pandit Dhirendra Shastri हवस का मौलाना हवस का पादरी क्यों नहीं? ये तीखा सवाल पूछ रहे हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री देश में इन दिनों जातिवाद पर सियासत हो रही है। ऐसे में इन सियासतदानों को आड़े हाथों लेते लेते पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कुछ ऐसा कह दिया जो सुर्खियों में है। पंडित धीरेंद्र शआस्त्री ने राजनेता पर जातियों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने ये भी कहा कि हर मजहब में बुरे लोग नहीं होते, लेकिन कुछ तो होते ही हैं। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए समझाया कि यदि बुरे लोगों की भीड़ में एक सच्चा व्यक्ति भी पहुँच जाए तो सबकी नज़र उस पर ही जाती है, लेकिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान पर सियासी वार पलटवार तेज है। BJP कह रही है कि धीरेंद्र शास्त्री और सभी धर्म गुरु के विचारों का सम्मान करना चाहिए, तो वहीं कांग्रेस धर्म गुरुओं को राजनीतिक बयानबाजी में नहीं उलझने की नसीहत दे रही है और भाजपा पर ही जातिवाद फैलाने का आरोप लगा रही है।
इन दिनों कई कथावाचक कई महाराज अपने अपने बयानों से सुर्खियों में है और अब एक बार फिर पं धीरेंद्र शास्त्री ने जातिवाद पर बड़ा बयान देकर हलचल मचा दी है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब धीरेंद्र शास्त्री ने ऐसा बयान दिया हो पिछले साल भी अक्टूबर में उन्होने यही पूछा था कि ‘हवस का पुजारी क्यों, हवस का मौलवी क्यों नहीं’? हालांकि बाद में बाबा बागेश्वर ने अपनी मंशा भी समझाई थी और अब जब देश में जातिवाद का मुद्दा गर्म है। ऐसे में पं धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान ने तपिश और बढ़ा दी है।