नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को अपने एक अधिकारी पर मुकदमा चलाने की मंजूरी को लेकर जारी विवाद से स्वयं को अलग करने की कोशिश करते हुए कहा कि मामला मई से केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास लंबित है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने 20 लाख रुपये के रिश्वत मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए गए अकील अहमद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी पहले ही दे दी है और इस बारे में 5 मई को भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था सीवीसी को अवगत करा दिया गया था।
मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय आया है जब सीबीआई ने एक जुलाई को विशेष अदालत से अहमद के खिलाफ रिकॉर्ड पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए एक और महीने का समय देने का अनुरोध किया।
मामले के घटनाक्रम का विवरण देते हुए मंत्रालय ने कहा कि सीबीआई ने 28 फरवरी को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को अनुरोध भेजकर अहमद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। अहमद उस वक्त एनएचएआई में प्रतिनियुक्ति पर तैनात थे, जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि एनएचएआई में क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में तैनात अहमद ने कथित तौर पर कर्नाटक में कंपनी द्वारा बनाए जा रहे ‘‘चेन्नई एक्सप्रेसवे पैकेज एक और दो’’ के संबंध में 30 दिसंबर, 2021 को दिलीप बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड से 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
भाषा आशीष माधव
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