न्यायालय ने सामुदायिक रसोइयां खोलने संबंधी याचिका पर निर्देश जारी करने से इनकार किया

न्यायालय ने सामुदायिक रसोइयां खोलने संबंधी याचिका पर निर्देश जारी करने से इनकार किया

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  • Publish Date - February 22, 2024 / 12:30 PM IST,
    Updated On - February 22, 2024 / 12:30 PM IST

नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भूख और कुपोषण से निपटने के सिलसिले में सामुदायिक रसोइयां खोलने के लिए योजना बनाने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर कोई निर्देश जारी करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया और कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) व अन्य कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही हैं।

न्यायामूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि वैकल्पिक कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों पर निर्भर करता है।

पीठ ने कहा, “लोगों के लिए किफायती मूल्य पर पर्याप्त मात्रा में भोजन सुनिश्चित करने के लिए भारत संघ और राज्यों द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं। हम इस संबंध में कोई और निर्देश जारी नहीं करना चाहते। हमने इस बात पर गौर किया है कि सामुदायिक रसोई की अवधारणा एनएफएसए के उद्देश्य को प्राप्त करने के वास्ते राज्यों के लिए क्या बेहतर विकल्प है। बल्कि, हम वैकल्पिक कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर छोड़ते हैं।”

शीर्ष अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ताओं अनुन धवन, इशान सिंह और कुंजन सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर यह फैसला सुनाया है। याचिका में सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को भूख और कुपोषण से निपटने के सिलसिले में सामुदायिक रसोइयां खोलने के लिए योजना बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा