Chandra Grahan 2025/ Image Source: Pexels
Chandra Grahan 2025: नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहणों को बेहद खास माना जाता है। जब भी सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता हा तो उसका प्रभाव सभी जीवों पर पड़ता है। 12 राशि के जातकों पर भी सकारात्मक और नकारात्मक असर देखने को मिलता है। साल का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन 14 मार्च 2025 को लगा था। वहीं, अब दूसरा ग्रहण भी जल्द ही देखने को मिलेगा। इस दिन भी आसमान में एक दुर्लभ नजारा देखने को मिलेगा। जी हां साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण भी बेहद खास होगा, क्योंकि आसमान पर ब्लड मून का नजारा देखने को मिलने वाला है।
ब्लड मून क्या होता है?
ब्लड मून, जिसे रक्तिम चंद्रमा या लाल चंद्रमा भी कहा जाता है, एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा का रंग गहरा लाल या तांबे जैसा दिखाई देता है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं।
कब लगेगा साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात से लेकर 8 सितंबर के तड़के तक लगेगा। भारत में इस ग्रहण की शुरुआत 7 सितंबर की रात 9.58 बजे होगी। वहीं, लगभग साढ़े तीन घंटे बाद 8 सितंबर को तड़के 1.26 बजे चंद्र ग्रहण खत्म हो जाएगा। बता दें कि, यह आंशिक नहीं बल्कि पूर्ण चंद्रण ग्रहण होगा। इसके प्रभाव से पूरा चंद्रमा धरती की छाया में आ जाएगा।
आसमान पर दिखेगा अद्भुत नजारा
बता दें कि, इस बार दूसरे चंद्र ग्रहण की खास बात ये होगी कि यह पूर्णिमा की रात को लगेगी। सितंबर में लगने वाले साल के दूसरे चंद्र ग्रहण पर इस बार ‘ब्लड मून’ नजर आएगा और उस दिन भाद्रपद महीने की पूर्णिमा होगी। सनातन धर्म में पूर्णिमा का खास महत्व होता है। यह चंद्र ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और अंटार्कटिका के ऊपर देखा जा सकेगा। भारत में भी इस ग्रहण का असर साफ तौर पर दिखाई देगा। जब चंद्रमा पूरी तरीके से पृथ्वी की छाया में आ जाता है तो उसका रंग नारंगी या हल्का लाल हो जाता है। इस स्थिति को ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।
भारत में कितने बजे लगेगा सूतक काल?
Chandra Grahan 2025: धार्मिक परंपराओं के अनुसार, ग्रहण लगने के समय से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान खाना बनाने, भोजन करने, पूजा पाठ करने समेत कई शुभ कार्यों पर मनाही होगी है। वहीं, ग्रहण खत्म होते ही सूतक काल भी समाप्त हो जाता है। इसके बाद रोजमर्रा के काम भी शुरू किए जा सकते हैं।