ओबीसी के लिए अलग विभाग बने और कीमी लेयर की सीमा बढ़ाई जाए: कांग्रेस |

ओबीसी के लिए अलग विभाग बने और कीमी लेयर की सीमा बढ़ाई जाए: कांग्रेस

ओबीसी के लिए अलग विभाग बने और कीमी लेयर की सीमा बढ़ाई जाए: कांग्रेस

:   Modified Date:  April 4, 2023 / 06:47 PM IST, Published Date : April 4, 2023/6:47 pm IST

नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर अपनी विफलताएं छिपाने के लिए ‘ओबीसी कार्ड’ खेलने का आरोप लगाया और कहा कि अन्य पिछड़े वर्गों के लिए सरकार में अलग विभाग बनना चाहिए तथा इन वर्गों के आरक्षण के संदर्भ में ‘क्रीमी लेयर’ की मौजूदा सीमा को आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये वार्षिक करनी चाहिए।

पार्टी के ओबीसी विभाग के अध्यक्ष अजय सिंह यादव ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार को 2011 की जनगणना के जातिगत आंकड़े जारी करने चाहिए।

कांग्रेस नेता सुभाषिनी यादव ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार नोटबंदी, जीएसटी, ‘तीन काले कृषि कानून’, अडाणी मामले, चीनी घुसपैठ जैसी विफलताओं और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता के कारण ‘ओबीसी कार्ड’ खेल रही है तथा राहुल गांधी पर ओबीसी के अपमान का आरोप लगा रही है।

उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘ललित मोदी और नीरव मोदी को ओबीसी वर्ग का बताया जाना हमारे पूरे समाज का अपमान है।’’

सुभाषिनी समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत शरद यादव की पुत्री हैं।

अजय यादव ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ी तो उससे भाजपा घबरा गई।

उन्होंने कहा, ‘‘रायपुर में हुए कांग्रेस के महाधिवेशन में फैसला किया गया कि कांग्रेस जाति आधारित जनगणना के लिए सरकार पर दबाव बनाएगी…अगर 2024 में हमारी सरकार बनती है तो हम जाति आधारित जनगणना कराएंगे।’’

अजय यादव ने कहा कि ओबीसी के लिए अलग विभाग बनना चाहिए ताकि ओबीसी वर्गों को योजनाओं को पूरा लाभ मिल सके।

उन्होंने मांग की कि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत के प्रस्तावित आरक्षण में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं को अलग से प्रतिनिधित्व मिले।

उन्होंने कहा कि ओबीसी की ‘क्रीमी लेयर’ को बढ़ाकर 12 लाख रुपये किया जाए।

सुभाषिनी यादव ने कहा, ‘‘अब हमारा समाज जागरुक है। वो समझ चुका है किस तरह से उसके साथ खेल खेला गया है।’’

उन्होंने दावा किया कि ओबीसी को लेकर भाजपा का दोहरा चरित्र रहा है।

भाषा हक प्रशांत

प्रशांत

 

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