अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण हेतु शीघ्र की एक सदस्यीय आयोग गठित होगा : सिद्धरमैया

अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण हेतु शीघ्र की एक सदस्यीय आयोग गठित होगा : सिद्धरमैया

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  • Publish Date - October 29, 2024 / 05:36 PM IST,
    Updated On - October 29, 2024 / 05:36 PM IST

(फाइल फोटो के साथ)

बेंगलुरु, 29 अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए अनुभव आधारित आंकड़े एकत्र करने हेतु शीघ्र ही एक सदस्यीय आयोग का गठन किया जाएगा

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हमने कल मंत्रिमंडल में आंतरिक आरक्षण के बारे में निर्णय लिया है। सैद्धांतिक रूप से हम आंतरिक आरक्षण देने पर सहमत हो गए हैं। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश का एक सदस्यीय आयोग बनाया जाएगा, आयोग को तीन महीने में रिपोर्ट देनी होगी।’’

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ लोगों की राय है कि कोई अनुभवजन्य आंकड़ा नहीं है।’’

अनुसूचित जातियों का एक वर्ग, विशेषकर ‘अनुसूचित जाति-बायां (अज-बायां), आंतरिक आरक्षण की मांग कर रहा है तथा आरोप लगा रहा है कि केवल कुछ प्रभावशाली उप-जातियां ही अधिकांश लाभ हड़प रही हैं, जबकि कई समुदाय अभी भी हाशिए पर हैं।

विधानसभा चुनाव से बस पहले पिछली भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार को अनुसूचित (बायां) के लिए छह प्रतिशत आंतरिक आरक्षण, अनुसूचित (दायां) के लिए 5.5 प्रतिशत आरक्षण और स्पृश्य (बंजारा, भोवी, कोरचा, कुरूमा, आदि) के लिए 4.5 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश करते हुए आंतरिक आरक्षण का निर्णय लिया था।

बताया जाता है कि अनुसूचित (बायां) ऐतिहासिक रूप से अनुसूचित (दायां) से अधिक पिछड़ रहे हैं।

सोमवार का मंत्रिमंडल का फैसला उच्चतम न्यायालय द्वारा एक अगस्त को सुनाये गये ऐतिहासिक निर्णय का आलोक में किया गया है।

उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि राज्यों को सामाजिक रूप से विषम वर्गीय अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अनुभवजन्य आंकड़े जुटाने के लिए हम तत्काल एक आयोग गठित करेंगे और तीन महीने में उससे रिपोर्ट प्राप्त करेंगे। आयोग के लिए नियम एवं शर्तें तय की जाएंगी। जिन भर्तियों के लिए अधिसूचनाएं पहले ही जारी हो चुकी हैं, उनके अलावा बाकी भर्तियों के लिए अधिसूचनाएं जारी नहीं की जाएंगी (ऐसा तबतक के लिए किया जाएगा जब तक कि आंतरिक आरक्षण प्रदान नहीं किया जाता)।’’

भाषा

राजकुमार माधव

माधव