सोमनाथ सूर्यवंशी मौत: प्राथमिकी दर्ज करने का उच्च न्यायालय का आदेश उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा

सोमनाथ सूर्यवंशी मौत: प्राथमिकी दर्ज करने का उच्च न्यायालय का आदेश उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा

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  • Publish Date - July 30, 2025 / 10:06 PM IST,
    Updated On - July 30, 2025 / 10:06 PM IST

छत्रपति संभाजीनगर, 30 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमनाथ सूर्यवंशी की ‘हिरासत में मौत’ मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को बुधवार को बरकरार रखा। वीबीए अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने यह जानकारी दी।

प्रमुख दलित नेता और डॉ. बी.आर. आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर, सूर्यवंशी की मां की ओर से दो अन्य वकीलों के साथ इस मामले में उच्चतम न्यायालय में पेश हुए।

विधि संकाय के 35-वर्षीय छात्र सूर्यवंशी की 15 दिसंबर 2024 को परभणी में न्यायिक हिरासत में मृत्यु हो गई। उन्हें मध्य महाराष्ट्र के इस शहर में एक उपद्रवी द्वारा संविधान की एक प्रतिकृति को नुकसान पहुंचाने के बाद भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

दलित कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सूर्यवंशी को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया। उनकी मां ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ का रुख किया।

दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में प्रकाश आंबेडकर ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या न्यायालय अब अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू करता है या नहीं। उच्च न्यायालय ने चार जुलाई को पुलिस को एक सप्ताह के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। हमने यह बात उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में लाई और उसने यह भी पूछा कि प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई।’

उन्होंने दावा किया कि मुंबई के सरकारी जे जे अस्पताल के चिकित्सकों ने सभी तथ्यों पर विचार किए बिना ही मामले में अपनी दूसरी राय दे दी।

उन्होंने कहा, ‘हम इस मामले में चिकित्सकों को आरोपी बनाने जा रहे हैं, क्योंकि अदालत के आदेश के बिना दूसरी राय नहीं दी जानी चाहिए।’

भाषा शुभम सुरेश

सुरेश