बिना समय गंवाए कोविड-19 मृतकों के परिजनों को मुआवजा दें राज्य : उच्चतम न्यायालय

बिना समय गंवाए कोविड-19 मृतकों के परिजनों को मुआवजा दें राज्य : उच्चतम न्यायालय

बिना समय गंवाए कोविड-19 मृतकों के परिजनों को मुआवजा दें राज्य : उच्चतम न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 pm IST
Published Date: July 18, 2022 2:05 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को बिना समय गंवाए कोविड-19 मृतकों के परिजनों को मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने कहा कि अगर किसी दावेदार को मुआवजा राशि का भुगतान न किए जाने या फिर उनका दावा ठुकराए जाने के संबंध में कोई शिकायत है तो वे संबंधित शिकायत निवारण समिति का रुख कर सकते हैं।

पीठ ने शिकायत निवारण समिति को दावेदारों के आवेदन पर चार सप्ताह के भीतर फैसला लेने का निर्देश भी जारी किया।

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आंध्र प्रदेश सरकार पर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के खाते से व्यक्तिगत जमा खातों में धन हस्तांतरित करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर पीठ ने संबंधित धनराशि को दो दिनों के भीतर एसडीआरएफ खाते में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, “हम सभी राज्यों को हमारे पूर्व के आदेश के तहत पात्र लोगों को बिना देरी किए मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए याचिका पर सुनवाई पूरी करते हैं। अगर किसी दावेदार को कोई शिकायत है तो वह संबंधित शिकायत निवारण समिति का रुख कर सकता है।”

शीर्ष अदालत ने इससे पहले आंध्र सरकार को राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) से व्यक्तिगत जमा खातों में धन हस्तांतरित करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए ‘आखिरी मौका’ दिया था। न्यायालय ने राज्य सरकार पर धन स्थानांतरित करने पर रोक लगाते हुए उसे इस संबंध में एक नोटिस भी जारी किया था।

याचिकाकर्ता पल्ला श्रीनिवास राव की तरफ से पेश अधिवक्ता गौरव बंसल ने तर्क दिया था कि आंध्र सरकार ने एसडीआरएफ खाते से व्यक्तिगत जमा खातों में धन स्थानांतरित किया है, जो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत वैध नहीं है।

बंसल ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 46(2) के तहत निर्धारित कार्यों से अलग कामों के लिए एसडीआरएफ के धन का अवैध रूप से इस्तेमाल कर रही है।

भाषा पारुल माधव

माधव


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