राज्य चरमबद्ध तरीके से पाबंदियों में ढील दें, संक्रमण को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करें : केंद्र

राज्य चरमबद्ध तरीके से पाबंदियों में ढील दें, संक्रमण को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करें : केंद्र

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  • Publish Date - June 30, 2021 / 11:32 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) केंद्र ने राज्यों को कहा कि पांबदियों को हटाना और राहत देना अहम है लेकिन इसे ध्यानपूर्वक किया जाना चाहिए और कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 28 जून को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि एकरूपता लाने के लिए जरूरी है कि पाबंदियों को लागू करने या ढील देने के मौजूदा ढांचे का अनुपालन जारी रहे, जो बीमारी के बोझ और स्वास्थ्य आधारभूत अवसंरचना पर आधारित है । यह अब भी महत्वपूर्ण है।

भूषण ने उन लक्षित कार्यों को भी सूचीबद्ध किया है जिन्हें राज्यों द्वारा लागू करने की जरूरत है जिनमें जिले को प्रशासन इकाई मानकर मामलों की नियमित निगरानी और नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाने और स्वास्थ्य अवसरंचना को अद्यतन बनाने का कार्य शामिल है।

उन्होंने कहा कि संक्रमण दर की गणना सप्ताह में जांचे गए कुल नमूनों में संक्रमितों के आधार पर किया जाना चाहिए जो जिले में संक्रमण के फैलने का एक अहम संकेतक है। उच्च संक्रमण दर होने पर सख्त निषिद्ध और पांबदी नियमों को लागू किया जाना चाहिए ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

पत्र में उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रत्येक जिले को उपलब्ध बिस्तरों के अनुपात में भर्ती मरीजों का विश्लेषण करना चाहिए ताकि उपलब्ध स्वास्थ्य अवंसरचना का आकलन किया जा सके और सुनिश्चित किया जा सके कि उनपर भारी दबाव न आ जाए और मरीजों की भर्ती सुनिश्चित हो सके। अधिक बिस्तरों पर मरीजों की भर्ती संकेत है कि जिले को उपलब्ध बिस्तरों को अपग्रेड करने के लिए खास कदम उठाने की जरूरत है जबकि संक्रमण को नियंत्रित करने के कार्य भी तेजी से करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अवंसचना को अद्यतन करने में काफी समय लगता है (महीना या इससे ज्यादा) इसलिए जिले को नियमित आधार पर मामलों का विश्लेषण कर और मरीजों की संख्या में संभावित वृद्धि का आकलन कर इस अवसंरचना को उन्न्त करने की योजना बनानी चाहिए।

स्वास्थ्य सचिव ने पत्र में कहा कि जिलों को प्राथमिकता देने के लिए गहन अनुवर्ती कार्य करने की जरूरत है। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश उन जिलों की पहचान कर सकते हैं जहां पर अधिक पाबंदी की जरूरत है जबकि बाकी जिलों में कम साप्ताहिक मामलों और उपलब्ध बिस्तरों के अनुपात में मरीजों की कम संख्या के आधार पर पाबंदियों में अधिक ढील दे सकते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिन जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर अधिक है और बिस्तर अधिक भरे हुए हैं वहां पर गहन निगरानी की जरूरत है, ऐसे में राज्य, राज्य मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त करने पर विचार कर सकते हैं।

पत्र में कहा गया कि जिला नोडल अधिकारी जिलाधिकारी/नगर आयुक्त से समन्वय कर नए मामलों के क्लस्टर की पहचान करने और जरूरी निषिद्ध नियमों को लागू करने का काम करेगा। स्वास्थ्य सचिव ने साफ तौर पर लिखा है कि जिन इलाके में पाबंदी लगाई गई है वहां पर यह न्यूनतम 14 दिनों तक लागू रहेगा जबकि जिले के बाकी इलाके जहां पर प्रतिबंध की कार्रवाई नहीं की गई, वहां पर ढील दी जा सकती है।

भाषा धीरज उमा

उमा