देहरादून, 16 दिसंबर (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उसके खिलाफ एक मजबूत और परिपक्व गठबंधन की जरूरत पर बल दिया।
नैनीताल जिले के बिंदुखत्ता में आयोजित पार्टी की दो दिवसीय उत्तराखंड राज्य कमेटी की बैठक में सोमवार शाम को दिए अपने संबोधन में भट्टाचार्य ने कहा, “बुलडोजर राज और मोदी की फासीवादी सत्ता के खिलाफ एक मजबूत और परिपक्व गठबंधन आज की जरूरत है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि जनता को जनसांख्किीय बदलाव का डर दिखाकर गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।
भट्टाचार्य ने दावा किया, “धार्मिक विभाजन की आड़ में बीमा क्षेत्र में सौ फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की घोषणा कर दी गई है। परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण का विधेयक संसद में लाया गया है। उच्च शिक्षा को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए उच्च शिक्षा आयोग बनाने की ओर मोदी सरकार कदम बढ़ा रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार चुनाव में सफलता के बाद नई श्रमिक संहिता लागू कर मजदूरों के अधिकारों को खत्म करने की घोषणा कर दी गयी है।
मजदूरों के अधिकारों के संघर्ष को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए कम्युनिस्ट नेता ने कहा कि डॉ बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने भी मजदूरों की इस लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाई थी।
उन्होंने नई श्रम संहिता के दुष्प्रभावों के खिलाफ मजदूरों के साथ-साथ समाज के अन्य हिस्सों को भी आंदोलित करने की जरूरत बताई।
भाकपा माले महासचिव ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की आलोचना करते हुए कहा कि यह वोट देने के अधिकार, लोकतंत्र और संविधान पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह वोट देने के लोकतांत्रिक अधिकार से नागरिकों के एक हिस्से को वंचित करने का षड्यंत्र है।
भट्टाचार्य ने, हालांकि, जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी एसआईआर के जरिये किसी भी कमजोर समुदाय को निशाना बना कर उसे मताधिकार से वंचित करने की कोशिशों का पुरजोर विरोध करेगी और वंचित किये जा रहे तबकों के साथ मजबूती से खड़ी होगी ।
बैठक में पोलित ब्यूरो सदस्य संजय शर्मा, राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी के अलावा अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
भाषा दीप्ति नोमान
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