जयपुर, 10 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार तथा मानवाधिकार उल्लंघन पर चिंता जताते हुए अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तियों की ओर से एक ज्ञापन राजस्थान के राज्यपाल को सौंपा गया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम इस ज्ञापन में बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रही नियोजित हिंसा को रोकने, उनके मानवाधिकारों की रक्षा करने और शांति सेना भेजने की मांग की गई है।
ज्ञापन में कहा गया है कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट और मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद से धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, बौद्ध, सिख, ईसाई आदि) पर अत्याचार चरम पर हैं तथा कट्टरपंथी संगठनों द्वारा हिंदुओं के घरों और धार्मिक स्थलों पर हमले किए जा रहे हैं।
ज्ञापन के अनुसार ,इस्कॉन मंदिरों पर हमले और मूर्तियों को अपमानित करने की घटनाएं इसके ज्वलंत उदाहरण हैं।
ज्ञापन में बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघनों पर रोक लगाने, संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधिमंडल भेजकर स्थिति की जांच कराने और हिंदू समुदाय के पुनर्वास एवं क्षतिपूर्ति की मांग की गई। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश में शांति सेना भेजने की भी अपील की गई है।
प्रतिनिधिमंडल में मौजूद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एनके जैन ने बताया कि प्रतिष्ठित व्यक्ति बांग्लादेश की घटनाओं को लेकर राज्यपाल से मिले तथा संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के नाम राज्यपाल को ज्ञापन दिया है।
उन्होंने कहा, “हमारी मांग है बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों को तुरन्त प्रभाव से रोका जाए। मानवाधिकारों की रक्षा की जाए।”
प्रतिनिधिमंडल में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश एनके जैन, प्रशांत अग्रवाल, सेवानिवृत्त कर्नल देवानंद लोमरोड़, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल महावीर सैनी, सेवानिवृत्त कमांडर प्रियंका चौधरी, पूर्व कुलपति मोहनलाल छींपा व अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जसबीरसिंह समेत अन्य मौजूद थे। ज्ञापन पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत रहे 50 प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने हस्ताक्षर किए हैं।
भाषा कुंज पृथ्वी नोमान
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