जम्मू, 24 दिसंबर (भाषा)केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सफल एलवीएम3-एम6 मिशन के लिए बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)को बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रयान-4 जैसे भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगी।
इसरो के सबसे भारी रॉकेट, एलवीएम3-एम6 ने सफलतापूर्वक एक अमेरिकी संचार उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया। इस सफलता को इसरो प्रमुख ने देश के लिए क्रिसमस उपहार करार दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह देश के लिए गौरव का क्षण है। यह पिछले 10 से 12 वर्षों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में) की प्रगति के कारण संभव हुआ है। हालांकि पहले भी श्रीहरिकोटा से अमेरिकी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाता था, लेकिन आज के प्रक्षेपण ने दुनिया को दिखा दिया है कि हमारे पास 6,000 किलोग्राम तक के उपग्रह को प्रक्षेपण करने की क्षमता है।’’
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह, भाजपा की स्थानीय इकाई द्वारा ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए आयोजित ‘स्वदेशी मेले’ में भाग लेने के लिए यहां आए थे। मेले का उद्घाटन जम्मू और कश्मीर भाजपा अध्यक्ष सत शर्मा ने किया।
उन्होंने कहा कि एलवीएम3-एम6 मिशन की सफलता भारत की भविष्य की योजनाओं के लिए उपयोगी होगी, विशेष रूप से प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए, जिसे 2035 तक लॉन्च किए जाने की उम्मीद है और चंद्रयान-4 के लिए, क्योंकि ऐसे मिशन को अंजाम देने के लिए अधिक भार ले जाने में सक्षम रॉकेट की जरूरत होगी।
मंत्री ने कहा कि यह मिशन सार्वजनिक-निजी भागीदारी का एक मजबूत उदाहरण भी है। उन्होंने बताया कि यह उपग्रह टेक्सास स्थित एक अमेरिकी कंपनी का है जो संचार उपग्रहों के विकास में लगी हुई है।
सिंह ने कहा कि इस प्रक्षेपण ने भारत की उस युग में प्रवेश करने की बढ़ती क्षमता को प्रदर्शित किया है जहां 5जी सेवाएं टावर, टर्मिनल या सिग्नल स्तंभों की आवश्यकता के बिना उपग्रहों के माध्यम से सीधे मोबाइल फोन तक पहुंचाई जा सकती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि भारत फिलहाल उपग्रह दूरसंचार क्षेत्र में नहीं है, लेकिन जब भी ऐसा होगा, हम पहले से ही तैयार रहेंगे। यह भारत द्वारा अपनाई जा रही भविष्य-उन्मुख रणनीतियों का संकेत है।’’
भाषा धीरज माधव
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