Babri Mosque Case : नई दिल्ली – आज से 30 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में लाखों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिरा दिया था। अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर बरसों से विवाद चला आ रहा था। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए 1990 में आंदोलन शुरू किया था। राम मंदिर के फैसले आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहाए जाने से संबंधित सभी मामलों को बंद करने का फैसला लिया है। कोर्ट ने इसे लेकर दायर अवमानना की सभी याचिकाओं को भी बंद कर दिया है। ये सभी याचिकाएं 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराने से रोकने में विफल रहने के लिए प्रदेश सरकार और इसके कुछ अधिकारियों के खिलाफ दायर की गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय बीतने के साथ और अयोध्या पर 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ के फैसले को देखते हुए अब अवमानना के मामले को आगे नहीं चलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि समय बीतने के साथ मामले अब निष्फल हो गए हैं। 9 में से 8 मामलों में ट्रायल खत्म हो गया है।
Supreme Court closes all the proceedings arising out of the demolition of the Babri mosque in 1992. pic.twitter.com/KsnK6yG9Jc
— ANI (@ANI) August 30, 2022
Babri Mosque Case : इस मामले में याचिकाकर्ता का नाम “असलम भूरे” है जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। शीर्ष अदालत ने कहा, वक्त काफी बीत चुका है और अब इस मामले में नया कुछ नहीं रहा है। इसी के साथ 2019 में राम मंदिर मुद्दे पर आए फैसले को देखते हुए अब इन याचिकाओं को बंद किया जाता है।