नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने हत्या से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 लोगों को शुक्रवार को बरी कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि इन लोगों का अपराध संदेह से परे साबित नहीं किया जा सका।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसके तहत नवंबर 2012 के हत्या के एक मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा देने के निचली अदालत के साल 2015 के फैसले को बरकरार रखा गया था।
दोषी नौ साल से अधिक समय से जेल में थे।
पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय और निचली अदालत ने उन कारकों को “दरकिनार कर दिया”, जिन्होंने साबित किया कि अभियोजन पक्ष के तीन महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही विश्वास करने लायक नहीं है और “किसी भी अदालत के लिए उन पर विश्वास करना असंभव था।”
पीठ ने 11 दोषियों को हत्या के आरोप से बरी करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया।
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पारुल देवेंद्र
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