उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की वैधता बरकरार रखी

उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की वैधता बरकरार रखी

  •  
  • Publish Date - October 17, 2024 / 11:12 AM IST,
    Updated On - October 17, 2024 / 11:12 AM IST

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को 4:1 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए असम में अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने संबंधी नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि असम समझौता अवैध प्रवास की समस्या का राजनीतिक समाधान है।

प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने बहुमत से दिए गए अपने फैसले में कहा कि संसद के पास इस प्रावधान को लागू करने की विधायी क्षमता है।

न्यायमूर्ति पारदीवाला ने असहमति जताते हुए धारा 6ए को असंवैधानिक करार दिया।

उच्चतम न्यायालय के बहुमत के फैसले में कहा गया कि असम में प्रवेश और नागरिकता प्रदान करने के लिए 25 मार्च, 1971 तक की समय सीमा सही है।

नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी राज्य में विभिन्न जातीय समूहों की उपस्थिति का मतलब अनुच्छेद 29(1) का उल्लंघन कदापि नहीं है ।

भाषा

सिम्मी मनीषा

मनीषा