जयपुर, 12 जून (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को आरोप लगाया कि अगर भाजपा लोकसभा अध्यक्ष का पद अपने पास रखती है तो तेलुगु देशम पार्टी और जदयू को अपने सांसदों की खरीद-फरोख्त देखने के लिए तैयार रहना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि यदि भाजपा के मन में आगे जाकर कोई भी अलोकतांत्रिक कृत्य करने का इरादा नहीं है तो लोकसभा अध्यक्ष का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म को निभाते हुए 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में तेदेपा एवं शिवसेना के तथा संप्रग सरकार में 2004 से 2009 तक माकपा के लोकसभा अध्यक्ष रहे और सदन का बेहतर संचालन हुआ ।
कांग्रेस नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव की ओर केवल तेदेपा एवं जद(यू) ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता उत्सुकता से देख रही है। यदि भाजपा के मन में आगे जाकर कोई भी अलोकतांत्रिक कृत्य करने का इरादा नहीं है तो उन्हें लोकसभा अध्यक्ष का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए।’’
उन्होंने आगे कहा कि ‘‘तेदेपा और जद(यू) को महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गोवा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश एवं राजस्थान में भाजपा द्वारा किए गए सरकार गिराने के षड्यंत्रों को नहीं भूलना चाहिए। इनमें से कई राज्यों में तो अध्यक्ष की भूमिका के कारण ही सरकार गिरी और पार्टियां टूटीं।
भाषा कुंज रंजन
रंजन
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