जयपुर, 28 नवंबर (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय संस्कृति व्यष्टि से समष्टि की दृष्टि लिए हुए है और तेजी से हो रहे विकास के अंतर्गत अपनाई जा रही प्रौद्योगिकी सुरक्षित, नैतिक व सभी के हित में हो, तभी उसकी सार्थकता है।
बागडे ने शाहपुरा में बाबा गंगादास राजकीय बालिका महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही।
भारतीय संस्कृति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें जीवन के संतुलन और समन्वय पर ही आरंभ से जोर दिया गया है।
बागडे ने नयी शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रमों को भारतीय मूल्यों से जोड़ते हुए विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण के लिए कार्य करने पर भी जोर दिया है।
‘सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्तन, तकनीकी प्रगति एवं पर्यावरणीय सुधार’ नामक विषयक संगोष्ठी में उन्होंने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के दौर में तकनीक के जीवन में बढ़ते दखल की चर्चा करते हुए कहा कि यांत्रिकी जीवन में सहयोग के लिए है परन्तु इसका उपयोग मानसिक तनाव को जन्म देता है तो हमें ठहरकर सोचना होगा।
उन्होंने भारतीय संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें सदा ही समन्वय पर जोर दिया गया है।
आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने विद्यार्थियों को सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन के अंतर्गत पर्यावरणीय जीवन पद्धति अपनाने के साथ धैर्य और सहजता के गुणों का विकास किए जाने पर भी जोर दिया।
राज्यपाल ने कहा कि आस्था और विश्वास से जुड़े संस्कारों की नींव पर ही सनातन मूल्य समाज के पथ प्रदर्शक बने हुए हैं। इस पर सभी स्तरों पर विचार होना चाहिए।
राज्यपाल ने इससे पहले मनोहरपुर में भाग्योदय सेवा संस्थान में विद्यार्थियों से संवाद किया।
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पृथ्वी रवि कांत