तेलंगाना : ग्राम पंचायत चुनाव परिणाम में कांग्रेस का दबदबा बरकरार

तेलंगाना : ग्राम पंचायत चुनाव परिणाम में कांग्रेस का दबदबा बरकरार

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  • Publish Date - December 18, 2025 / 07:22 PM IST,
    Updated On - December 18, 2025 / 07:22 PM IST

हैदराबाद, 18 दिसंबर (भाषा) तेलंगाना की राजनीति में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपना दबदबा बरकरार रखा और पार्टी समर्थित उम्मीदवारों ने ग्राम पंचायत अध्यक्ष और वार्ड सदस्य की अधिकतर सीट पर जीत दर्ज की। हालांकि चुनाव गैर-दलीय आधार पर हुए थे। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने यह दावा किया।

कांग्रेस ने हाल ही में जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव जीता था, इसके बाद राज्य के ग्राम पंचायत चुनावों को कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लोकप्रियता की परीक्षा के रूप में देखा गया। हालांकि ये चुनाव गैर-दलीय आधार पर हुए थे।

पर्यवेक्षकों का मानना है कि कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों का प्रभावशाली प्रदर्शन राज्य की राजनीति पर इस पार्टी की निरंतर पकड़ को दर्शाता है, हालांकि उन्होंने विपक्षी बीआरएस को पूरी तरह से खारिज नहीं किया।

उनका मानना है कि बीआरएस के पास वापसी का मौका है, क्योंकि उसने ग्रामीण इलाकों में अपनी पकड़ बरकरार रखी है।

हालांकि, उनका कहना है कि भाजपा इस दक्षिणी राज्य में अपनी विस्तार योजनाओं के मामले में कोई प्रगति नहीं कर पाई है, खासकर जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव में जमानत जब्त होने के बाद।

ग्राम पंचायत चुनावों के तीसरे चरण के परिणामों में कांग्रेस पार्टी का दबदबा बरकरार रहने का दावा करते हुए, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बी. महेश कुमार गौड़ ने 17 दिसंबर को कहा कि गांवों ने एक बार फिर कांग्रेस को जीत का ताज पहनाया है और ग्रामीण चुनावों में उनकी पार्टी का दबदबा कायम है।

गौड़ ने कहा कि चुनाव परिणाम पार्टी के सुशासन की पुष्टि करते हैं।

हालांकि, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने दावा किया कि कांग्रेस का पतन ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों से शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी द्वारा कथित तौर पर सत्ता के दुरुपयोग के बावजूद बीआरएस ने बड़ी संख्या में पंचायतों में जीत हासिल की।

वरिष्ठ पत्रकार से वकील बने सी. आर. सुकुमार ने कहा, ‘‘कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने सभी चरणों में अधिकांश सरपंच पदों पर जीत हासिल की है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि 2023 के विधानसभा चुनाव के नतीजे अचानक हुई घटना नहीं थे और रेवंत रेड्डी की सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों का महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त है।’’

तेलंगाना राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 11, 14 और 17 दिसंबर को हुए चुनावों में 85.30 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

लगभग 12,700 सरपंचों और 1.12 लाख वार्ड सदस्यों के लिए गैर-दलीय आधार पर चुनाव हुए।

भाषा नोमान सुरेश

सुरेश