गडग (कर्नाटक), 20 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को संकेत दिया कि जाति सर्वेक्षण से ईसाई उप-जातियों वाला कॉलम हटा दिया गया है।
सिद्धरमैया ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा पर इस मामले का ‘राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाया।
ईसाई उपजाति श्रेणी को लेकर भ्रम की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसे अब हटा दिया गया है।’’
स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसे नहीं हटाया है। पिछड़ा वर्ग आयोग एक वैधानिक निकाय है। हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते। हम इसे निर्देश नहीं दे सकते। हमने इसे दिशानिर्देश मुहैया कराए हैं और उन्हें इनके अनुसार काम करने को कहा है।’’
एक प्रश्न के उत्तर में सिद्धरमैया ने कहा कि राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उन्हें भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपा गया पत्र भेजा है।
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को आगामी जाति सर्वेक्षण में ‘कुंबारा क्रिश्चियन’, ‘कुरुबा क्रिश्चियन’ जैसे जातीय नामों के साथ ईसाई पहचान जोड़े जाने को लेकर सचेत किया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य की सामाजिक संरचना को ‘सामाजिक अशांति, दीर्घकालिक जटिलताएं और अपूरणीय क्षति’ हो सकती है।
राज्यपाल ने 16 सितंबर को सिद्धरमैया को लिखे अपने पत्र में इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
कांग्रेस पर जातियों को बांटने के भाजपा के आरोप पर सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हम जातियां कहां बांट रहे हैं? सरकार को आपकी (लोगों की) सामाजिक-शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति पता होनी चाहिए। बिना इसे जाने हम आपके लिए नीतियां कैसे बना सकते हैं?’’
पंचमसाली जगद्गुरु वचनानंद स्वामीजी द्वारा इस सर्वेक्षण को एक साज़िश बताए जाने के सवाल पर, सिद्धरमैया ने आश्चर्य जताया कि क्या केंद्र द्वारा जाति जनगणना कराना भी एक साज़िश मानी जा सकती है।
भाषा शफीक पवनेश
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