मनसा देवी पहाड़ियों से भूस्खलन से हरिद्वार-देहरादून-ऋषिकेश रेल मार्ग 11 घंटे रहा बाधित

मनसा देवी पहाड़ियों से भूस्खलन से हरिद्वार-देहरादून-ऋषिकेश रेल मार्ग 11 घंटे रहा बाधित

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  • Publish Date - September 8, 2025 / 09:43 PM IST,
    Updated On - September 8, 2025 / 09:43 PM IST

हरिद्वार, आठ सितंबर (भाषा) उत्तराखंड के हरिद्वार में हर की पौड़ी के नजदीक सोमवार तड़के मनसा देवी की पहाड़ियों से एक बार फिर भारी भूस्खलन हुआ जिससे हरिद्वार-देहरादून-ऋषिकेश रेलमार्ग करीब 11 घंटे तक बाधित रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

हांलांकि, अधिकारियों ने बताया कि शाम पांच बजे तक रेल पटरी से मलबा और पत्थर हटा दिये गये जिसके बाद करीब छह बजे उस पर परीक्षण रेलगाड़ी चलायी गयी तथा फिर मार्ग पर ट्रेनों का नियमित संचालन शुरू हो गया ।

हरिद्वार में हो रही भारी बारिश से मनसा देवी पहाड़ियों से तेज गति से मिट्टी और चट्टानों का मलबा भीमगोड़ा रेल सुरंग के समीप पटरी पर आ गिरा जिससे हरिद्वार-देहरादून-ऋषिकेश रूट पर वंदे भारत समेत करीब दो दर्जन रेलगाड़ियों का संचालन प्रभावित हुआ । रेल पटरी के पास बना एक शिव मंदिर भी भूस्खलन में ध्वस्त हो गया ।

कुछ दिन पहले भी इसी स्थान पर पहाड़ी से भूस्खलन होने से रेल मार्ग अवरूद्ध हुआ था।

पुलिस क्षेत्राधिकारी स्वप्निल सुयाल के अनुसार मनसा देवी पहाड़ियों से भूस्खलन होने से रेल पटरी के पास बने दो प्राचीन मंदिरों में से एक शिव मंदिर ध्वस्त हो गया।

रेलवे की ओर से पहाड़ी और रेल पटरी के बीच लोहे का बड़ा भारी जाल लगाया गया था लेकिन इसके बावजूद भारी मात्रा में बड़े-बड़े पत्थरों के टुकड़े जाल को तोड़कर पटरी पर आ गिरे।

रेल पटरी पर भूस्खलन होने की सूचना मिलते ही प्रशासन और रेलवे विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया । गैस कटर की मदद से क्षतिग्रस्त जाल को काट कर जेसीबी मशीन से पटरी से पत्थरों को हटाया गया।

अधिकारियों के अनुसार पटरी पर गिरे मलबे को साफ करने के बाद शाम पांच बजे उसे ‘फिट’ घोषित कर दिया गया । शाम करीब छह बजे ट्रैक पर परीक्षण ट्रेन चलायी गयी जिसके बाद उस पर रेलगाड़ियों का संचालन शुरू हो गया ।

अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान रेल मार्ग पर 23 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ जिनमें से वंदे भारत समेत छह को निरस्त कर दिया गया जबकि 16 अन्य का निर्धारित गंतव्य से पहले ही समापन कर दिया गया और एक का पुनर्निधारण किया गया । दिल्ली जाने वाली शताब्दी ट्रेन हरिद्वार से ही चलायी गयी ।

भाषा सं दीप्ति

राजकुमार

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