पूरे देश में दिखाई जा रही फिल्म, तो बंगाल में बैन क्यों, द केरला स्टोरी बैन पर ममता सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

The Kerala Story Ban controversy : सुप्रीम कोर्ट ने द केरला स्टोरी फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से लगाए गए बैन पर सवाल खड़े किए हैं।

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  • Publish Date - May 12, 2023 / 10:25 PM IST,
    Updated On - May 12, 2023 / 10:25 PM IST

The Kerala Story Ban

नई दिल्ली : The Kerala Story Ban controversy : सुप्रीम कोर्ट ने द केरला स्टोरी फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से लगाए गए बैन पर सवाल खड़े किए हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि जब देश के दूसरे हिस्सों में ये फिल्म दिखाई जा रही है तो फिर बंगाल में फिल्म पर रोक का क्या मतलब है। पश्चिम बंगाल भी देश के दूसरे हिस्सों की ही तरह है।सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी फिल्म निर्माता की उस अर्जी पर सुनवाई के दौरान की जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में फिल्म पर लगी रोक को चुनौती दी थी।

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The Kerala Story Ban controversy :  शुक्रवार को सन शाइन प्रोडक्शन की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए। उन्होंने कहा कि जब इस फिल्म को रिलीज किया गया तो पहले ही दिन सूबे की मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि यह फिल्म एक समुदाय विशेष के खिलाफ है और इसके प्रदर्शन से राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। रिलीज के तीन दिन बाद बिना इस तरह दिक्कत के ही राज्य सरकार ने फिल्म पर बैन का आदेश जारी कर दिया। साल्वे ने कहा कि तमिलनाडु में जिस तरीके से थिएटर मालिकों को धमकाया जा रहा है, उसके मद्देनजर सिनेमाघर मालिकों ने इस फिल्म को वापस ले लिया है।

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बंगाल सरकार ने दिया ने कानून-व्यवस्था का हवाला

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि इससे जुड़ी दूसरी याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजा था। इस याचिका पर भी हाईकोर्ट को ही सुनवाई के लिए भेजा जाना चाहिए। सिंघवी ने कहा कि इस तरह की खुफिया रिपोर्ट मिली थी कि फिल्म की रिलीज जारी रहने से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और समुदायों में वैमनस्य पैदा हो सकता है।

SC का बंगाल सरकार से सवाल

The Kerala Story Ban controversy :  इस पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘ये फिल्म देश के दूसरे देशों में भी रिलीज हुई है। पश्चिम बंगाल देश के दूसरे हिस्सों से अलग नहीं है। अगर दूसरे हिस्सों में फिल्म देखी जा सकती है, जहां की डेमोग्राफिक प्रोफाइल पश्चिम बंगाल सरकार जैसी ही है तो फिर यहां रिलीज पर रोक लगाने का कोई मतलब नहीं है। आप फिल्म को चलने की इजाजत क्यों नहीं दे रहे? सवाल फिल्म के अच्छे-बुरे का नहीं है, अगर लोगों को फिल्म पसंद नहीं आएगी तो वो नहीं देखेंगे।’

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सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल-तमिलनाडु से जवाब मांगा

सिंघवी ने जवाब दिया कि वेस्ट बंगाल सिनेमा रेगुलेशन एक्ट 1954 के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल करते हुए और खुफिया रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने ये बैन लगाया है और कोर्ट को राज्य सरकार के आदेश पर ऐसे स्टे नहीं लगाना चाहिए। चीफ जस्टिस ने साफ किया कि बिना राज्यों का पक्ष सुने हम कोई आदेश पास नहीं कर रहे। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है।

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‘सिनेमाघरों को सुरक्षा दे तमिलनाडु सरकार’

The Kerala Story Ban controversy :  सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को भी सिनेमाघरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वकील से कहा कि ये क़ानून व्यवस्था का मसला है। जब थियेटर पर हमले हो रहे हो, कुर्सियों को जलाया रहा हो.तो आप उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। आप थियेटरों की सुरक्षा सुनिश्चित कीजिए और हलफनामा दाखिल कर बताइए कि आपने क्या कदम उठाए हैं।

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