‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ समूह के बांग्लादेश में सक्रिय होने का कोई सबूत नहीं

'सल्तनत-ए-बांग्ला' समूह के बांग्लादेश में सक्रिय होने का कोई सबूत नहीं

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  • Publish Date - August 1, 2025 / 02:41 PM IST,
    Updated On - August 1, 2025 / 02:41 PM IST

नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) देश की सुरक्षा एवं उसके हितों को सर्वोपरि बताते हुए सरकार ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश को उसके यहां ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ समूह के सक्रिय होने के कोई सबूत नहीं मिले।

समूह द्वारा बनाये गये तथाकथित ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ के नक्शे में भारत के कुछ हिस्सों को शामिल गया गया है।

विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि यह नक्शा ढाका विश्वविद्यालय में प्रदर्शित किया गया था।

कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने विदेश मंत्री से ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ के दुष्प्रचार से निपटने को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था।

जयशंकर ने बताया कि सरकार का ध्यान इन खबरों पर गया है कि ढाका में ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ नामक एक इस्लामी समूह ने तथाकथित ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का एक

नक्शा जारी किया है जिसमें भारत के कुछ हिस्से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस इस्लामी समूह को तुर्किए के ‘तुर्की यूथ फेडरेशन’ नामक एक गैर-सरकारी संगठन का समर्थन प्राप्त है।

विदेश मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश सरकार के तथ्य-जांच मंच (फैक्ट चेक प्लेटफार्म) ‘बांग्लाफैक्ट’ ने दावा किया कि बांग्लादेश में ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ के सक्रिय होने का कोई सबूत नहीं है तथा यह ‘नक्शा’ पूर्ववर्ती बंगाल सल्तनत के संदर्भ में आयोजित एक प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था।

उनके अनुसार, यह प्रदर्शनी 14 अप्रैल, 2025 को पोइला बैसाख के अवसर पर ढाका विश्वविद्यालय में आयोजित की गई थी और इसके आयोजकों ने किसी भी विदेशी राजनीतिक संस्था से संबंध होने से इनकार किया।

जयशंकर ने बताया कि सरकार भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर बारीकी से नज़र रखती है और इसकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है।

भाषा मनीषा माधव

माधव