बेंगलुरु, 24 फरवरी (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि लंबे समय से यह नकारात्मक दुष्प्रचार किया जा रहा है कि संविधान केवल दलितों को ‘मुक्ति’ दिलाने के लिए है।
उन्होंने यहां पैलेस ग्राउंड में ‘संविधान और राष्ट्रीय एकता सम्मेलन’ का उद्घाटन करने के बाद कहा कि नकारात्मक दुष्प्रचार को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
सम्मेलन का आयोजन समाज कल्याण विभाग ने किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान विरोधी लोग नकारात्मक दुष्प्रचार में शामिल हैं, जबकि संविधान स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का स्पष्ट रूप से उल्लेख करता है।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘संविधान के 26 जनवरी 1950 को लागू होने के बाद से यह दुष्प्रचार किया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। यदि संविधान को बचाया जाता है तभी हम लोग बचेंगे। अन्यथा हम खतरे में पड़ जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि सामाजिक असमानता का उन्मूलन करना प्रत्येक सरकार की जिम्मेदारी है।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘सामाजिक एवं आर्थिक असमानता वाले समाज में राजनीतिक लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है जब यह सामाजिक लोकतंत्र की बुनियाद पर आधारित हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान को सफल बनाने के लिए, यह जानना जरूरी है कि शक्ति किसके हाथों में है। संविधान तभी सफल होगा जब यह इसे और समानता का समर्थन करने वालों तथा एक मानवीय समाज का निर्माण करना चाह रहे लोगों के हाथों में होगा।’’
भाषा सुभाष माधव
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