सुप्रीम कोर्ट ने अपने के बयान में कहा है कि वो तीन तलाक पर कानून बनाने को तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक वह समय की कमी के चलते सिर्फ तीन तलाक मुद्दे पर सुनवाई करेगा लेकिन केंद्र के जोर के मद्देनजर बहुविवाह और हलाला के मुद्दों को भविष्य में सुनवाई के लिए खुला रख रहा है.