महाकुंभ में हर दिन गंगा-यमुना से ‘ट्रैश स्कीमर’ मशीनें निकाल रहीं 10 से टन कचरा

महाकुंभ में हर दिन गंगा-यमुना से ‘ट्रैश स्कीमर’ मशीनें निकाल रहीं 10 से टन कचरा

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  • Publish Date - February 11, 2025 / 05:37 PM IST,
    Updated On - February 11, 2025 / 05:37 PM IST

महाकुंभ नगर (उप्र) 11 फरवरी (भाषा) महाकुंभ में गंगा-यमुना को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के लिए ‘ट्रैश स्कीमर’ मशीनें लगाई गयी हैं, जो हर दिन गंगा-यमुना से 10 से 15 टन कचरा निकाल रही हैं।

मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार महाकुंभ में गंगा-यमुना को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार प्रतिबद्ध है। आने वाले श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर अपने साथ भक्ति के साथ स्वच्छता का भाव भी ले जाएं, इसके लिए प्रयागराज नगर निगम मुख्यमंत्री की दिशादृष्टि को साकार करने में लगा हुआ है।

बयान के मुताबिक निगम न केवल श्रमिकों के माध्यम से, बल्कि आधुनिक तरीके से भी गंगा-यमुना के संगम को स्वच्छ बनाने का काम हो रहा है। इसके लिए बकायदा ‘ट्रैश स्कीमर’ मशीनें लगाई गई हैं। ये मशीनें हर दिन गंगा-यमुना से 10 से 15 टन कचरा निकाल रही हैं।

बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वच्छता की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके चलते विश्व के सबसे बड़े आयोजन महाकुम्भ की तैयारी करीब चार साल पहले ही शुरू कर दी गई थी।

बयान के मुताबिक संगम में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को साफ और स्वच्छ जल मिले, इसके लिए एक ‘ट्रैश स्कीमर’ मशीन लगाई गई। तब यह मशीन 50-60 क्विंटल कचरा हर दिन निकालती थी। उसकी कार्य प्रणाली को देखते हुए करीब दो साल पहले एक और मशीन को प्रयागराज नगर निगम ने खरीदा। इसके बाद नदियों की सफाई की रफ्तार दोगुनी हो गई।

‘ट्रैश स्कीमर’ की मदद से पानी की सतह पर तैर रहे कचरे को इकट्ठा किया जाता है।

‘ट्रश स्कीमर’ मशीन का इस्तेमाल नदियों, बंदरगाहों, और समुद्रों में कचरा साफ करने के लिए होता है। यह मशीन प्लास्टिक, बोतलें, धार्मिक कचरा, कपड़े, धातु की वस्तुएं, पूजा अपशिष्ट, मृत पशु और पक्षी आदि को एकत्र करती है।

नगर निगम के एक अधिकारी के मुताबिक मशीन से एकत्र किए गए कचरे को नैनी के पास ही एक जगह डाल दिया जाता है। वहां से इस कचरे को रोजाना गाड़ियों से बसवार स्थित शोधन संयंत्र में ले जाया जाता है। वहा इस कचरे से नारियल, प्लास्टिक और अन्य सामग्री को अलग किया जाता है। प्लास्टिक को रिसाइकिल के लिए भेजा जाता है, जबकि अन्य सामग्री का खाद बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।

भाषा आनन्द राजकुमार

राजकुमार