बोस जंयती को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाने के निर्णय की तृणमूल कांग्रेस, फॉरवर्ड ब्लॉक ने आलोचना की

बोस जंयती को 'पराक्रम दिवस' के तौर पर मनाने के निर्णय की तृणमूल कांग्रेस, फॉरवर्ड ब्लॉक ने आलोचना की

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  • Publish Date - January 19, 2021 / 01:26 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:35 PM IST

कोलकाता, 19 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और फॉरवर्ड ब्लॉक ने मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ”पराक्रम दिवस” के तौर पर मनाए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय की आलोचना की। बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी को मनाई जाएगी।

तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने कहा कि इस दिन को केवल पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाना ही काफी नहीं है।

उन्होंने कहा, ” 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। हम लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं। वह राष्ट्रीय नेता थे और आजाद हिंद फौज के प्रमुख थे, ऐसे में केवल पराक्रम दिवस के जरिए यह दोनों बिंदु प्रदर्शित नहीं होते हैं। हमने इस दिन को देश प्रेम दिवस के तौर पर मनाने की भी मांग की थी।”

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम शायद राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उठाया गया है।

नेताजी द्वारा वर्ष 1939 में गठित पार्टी ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ के राज्य सचिव नरेन चटर्जी ने कहा, ” जंयती को ‘पराक्रम दिवस’ के बजाय ‘देश प्रेम दिवस’ के तौर पर मनाया जाना चाहिए।”

वहीं, नेताजी की रिश्तेदार प्रोफेसर सुगाता बोस ने कहा, ” यह केंद्र का निर्णय है। विश्व में नेताजी जैसा बहादुर नेता मिलना मुश्किल है। वह एकता एवं समानता में विश्वास करते थे। यह याद रखने की आवश्यकता है कि वह केवल एक योद्धा नहीं थे।”

भाषा शफीक नरेश

नरेश