नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोपहर बारह बज कर पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई ।
हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
एक बार के स्थगन के बाद बैठक बारह बजे शुरू होने पर पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल के तहत भाजपा के डॉ के लक्ष्मण से प्रश्न पूछने के लिए कहा। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने अपने अपने मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
लक्ष्मण ने किसानों से संबंधित एक पूरक प्रश्न पूछा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा गया है और विपक्षी सदस्य हंगामा कर रहे हैं।
पीठासीन अध्यक्ष तिवाड़ी ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने बारह बज कर पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, पूर्वाह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर, अभिनय की दुनिया से राजनीति में आए कमल हासन तथा द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की राजाथी, एस आर शिवलिंगम और पी विल्सन को राज्यसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई गई।
इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत कुल 28 कार्य स्थगन प्रस्ताव नोटिस प्राप्त हुए हैं, जिनमें बिहार में एसआईआर, अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों के साथ कथित भेदभाव और भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई थी।
उपसभापति ने कहा कि पूर्व की व्यवस्था के आलोक में ये नोटिस उपयुक्त नहीं पाए गए और इन्हें अस्वीकार कर दिया गया। इस पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करने लगे।
उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी को शून्यकाल के तहत अपना मुद्दा उठाने के लिए कहा। लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बजकर 20 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दिया।
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई सोमवार को हुई थी और तब से उच्च सदन में गतिरोध बना हुआ है। विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन में अब तक शून्यकाल, प्रश्नकाल और अन्य विधायी कामकाज नहीं हो पाया है।
भाषा
मनीषा माधव
माधव