नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की तदर्थ और वैधानिक समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों के लिए चुनाव के दौरान बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी पार्षदों द्वारा हंगामा किया गया और बार-बार व्यवधान उत्पन्न करने के कारण एससी कल्याण समिति का मतदान स्थगित कर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक होने वाले चुनाव हंगामे और विरोध के कारण बाधित रहे।
व्यवधान के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी, जिसमें ‘आप’ पार्षदों ने कथित तौर पर मतपत्र छीन लिये, मतपेटी तोड़ने का प्रयास किया और सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प हुई।
दिल्ली के महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने घटना की निंदा की और ‘आप’ पर संवैधानिक और विधायी मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी न तो संविधान का सम्मान करती है और न ही विधायी प्रक्रियाओं का पालन करती है। हर बार वे अराजकता के कृत्यों में लिप्त रहते हैं। जब भाजपा समितियों के चुनाव कराती है, तो वे प्रक्रिया को रोकने के लिए व्यवधान पैदा करते हैं।’’
महापौर ने एमसीडी की अन्य तदर्थ समितियों के नवनिर्वाचित अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को बधाई देते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाला प्रशासन दिल्ली में सेवाओं में सुधार एवं सुशासन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस बीच, एमसीडी में विपक्ष के नेता अंकुश नारंग ने भाजपा पर अनुसूचित जाति (एससी) कल्याण समिति की सदस्य संख्या 35 से घटाकर 21 करने का आरोप लगाया और दलित प्रतिनिधित्व को कमजोर करने का आरोप लगाया।
दिन में, आप पार्षदों ने भी भाजपा के इस कदम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसे उन्होंने ‘‘दलित विरोधी’’ कदम बताया। आप पार्षदों ने 35-सदस्यीय समिति की पूर्ण बहाली और एक लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया की मांग की।
भाषा शफीक सुरेश
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