नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षा में अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने के आरोप में एक महिला अभ्यर्थी पर तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने मौजूदा वर्ष की परीक्षा के लिए भी उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी है। उन्होंने कोई और जानकारी नहीं दी।
यूपीएससी ने पिछले साल पूर्व परिवीक्षाधीन आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिसमें फर्जी पहचान बताकर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल था।
खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने आईएएस में चयन सुनिश्चित करने के लिए धोखाधड़ी की और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तथा विकलांगता कोटे का गलत तरीके से लाभ उठाया।
यूपीएससी ने ताजा मामले की जानकारी देते हुए कहा कि हाल ही में एक भर्ती परीक्षा में एक अभ्यर्थी के पास आपत्तिजनक सामग्री मिली थी। आयोग ने कहा कि अभ्यर्थी ने परीक्षा नियमों का उल्लंघन किया और उसे परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने का दोषी पाया गया।
आयोग ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा कि तदनुसार, यूपीएससी ने सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए वर्तमान वर्ष की परीक्षा के लिए उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी है और उसे आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली भविष्य की सभी परीक्षाओं में तीन साल की अवधि के लिए शामिल होने से रोक दिया है।
इस कार्रवाई के बारे में यूपीएससी अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि आयोग अपनी परीक्षा प्रक्रियाओं में ईमानदारी, पारदर्शिता और निष्पक्षता के उच्चतम मानकों को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाषा अविनाश रंजन
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