उत्तराखंड : पेपर लीक प्रकरण में सीबीआई ने आरोप-पत्र दाखिल किया

उत्तराखंड : पेपर लीक प्रकरण में सीबीआई ने आरोप-पत्र दाखिल किया

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  • Publish Date - December 23, 2025 / 04:40 PM IST,
    Updated On - December 23, 2025 / 04:40 PM IST

देहरादून, 23 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में हुए कथित पेपर लीक प्रकरण में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप-पत्र दाखिल कर दिया है।

सीबीआई सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि इस मामले में तीन आरोपियों-मोहम्मद खालिद, उसकी बहन साबिया तथा टिहरी के एक डिग्री कॉलेज की निलंबित सहायक प्रोफेसर सुमन के खिलाफ आरोप-पत्र देहरादून में विशेष सीबीआई न्यायाधीश मदन राम की अदालत में शनिवार को दाखिल किया गया।

उन्होंने बताया कि आरोप-पत्र दाखिल किए जाने के दौरान अदालत में खालिद और साबिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जबकि सुमन व्यक्तिगत रूप से पेश हुईं।

राज्य में कथित पेपरलीक प्रकरण के तीनों आरोपी जेल में हैं।

उत्तराखंड के विभिन्न सरकारी विभागों में भर्ती के लिए 21 सितंबर को हुई परीक्षा के दौरान एक प्रश्नपत्र के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल होने से प्रदेश भर में हड़कंप मच गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया।

पेपर लीक के विरोध में बेरोजगार युवाओं द्वारा किए गए जबरदस्त आंदोलन के बाद उत्तराखंड सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

बाद में 11 अक्टूबर को इस परीक्षा को निरस्त भी कर दिया गया था। इस परीक्षा में विभिन्न सरकारी विभागों में 416 पदों के लिए एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

सीबीआई ने अक्टूबर के आखिर में मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस द्वारा गिरफ्तार मुख्य आरोपी खालिद और साबिया को हिरासत में लेकर उनसे गहन पूछताछ, उनके मोबाइल फोन व अन्य साक्ष्यों के मूल्यांकन के बाद उनके साथ साजिश का हिस्सा होने के आरोप में टिहरी के शहीद श्रीमती हंसा धनई राजकीय महाविद्यालय की सहायक प्रोफेसर सुमन को गिरफ्तार कर लिया था।

जांच में सामने आया कि हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र पर बतौर अभ्यर्थी शामिल हुए खालिद ने केंद्र में पहले से छुपाकर कर रखे अपने फोन के जरिए प्रश्नपत्र के तीन पृष्ठ अपनी बहन साबिया को भेजे जिसने उसे हल करने के लिए सुमन के पास भेजा। सुमन ने सवालों को हल कर उन्हें वापस भेज दिया।

सुमन ने प्रश्नपत्र के पृष्ठों को किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा किया जिसने उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जिससे वे वायरल हो गए।

प्रकरण में कथित भूमिका के लिए सुमन को पहले ही उसके पद से निलंबित कर दिया गया था।

भाषा

दीप्ति

रवि कांत