उत्तराखंड सरकार का हिमनदों की निगरानी के लिए समिति गठित करने का निर्णय

उत्तराखंड सरकार का हिमनदों की निगरानी के लिए समिति गठित करने का निर्णय

उत्तराखंड सरकार का हिमनदों की निगरानी के लिए समिति गठित करने का निर्णय
Modified Date: February 13, 2024 / 12:43 am IST
Published Date: February 13, 2024 12:43 am IST

देहरादून, 12 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को हिमनदों की निगरानी के लिए एक बहुविभागीय टीम गठित करने का निर्णय लिया है जिससे हिमनद झीलों से उत्पन्न होने वाली आपदाओं को प्रभावी तरीके से रोका जा सके ।

यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस समिति में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नोडल विभाग के रूप में काम करेगा ।

इस समिति की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी और उसके मार्गदर्शन में हिमनद झीलों से उत्पन्न होने वाली आपदाओं के प्रभावी नियंत्रण के लिए कार्य किया जाएगा ।

 ⁠

यह निर्णय विशेषज्ञों के साथ एक बैठक के बाद लिया गया ।

एक रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण हिमनद पिघने की दर में वृद्धि हो रही है और वे छोटे होते जा रहे हैं, जिससे आपदा आने के खतरे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013 में आयी केदारनाथ आपदा इसी प्रकार का एक उदाहरण है । हालांकि 2021 में ऋषिगंगा वाली बाढ़ हिमनद झील से नहीं आयी थी किंतु यह घटना भी उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिमस्खलन के कारण घटित हुई थी । पिछले वर्ष अक्टूबर में सिक्किम में लोहनक झील के टूटने से तीस्ता नदी में काफी नुकसान हुआ था ।

इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने तथा ऐसा होने की स्थिति में प्रभावित होने वाले जनसमुदाय को चेतावनी जारी किए जाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक समिति का गठन किया गया जिसके द्वारा उत्तराखंड में जोखिम संभावित 13 हिमनद झीलों को चिह्नित किया गया है ।

भाषा दीप्ति दीप्ति शोभना

शोभना


लेखक के बारे में