पश्चिम बंगाल धार्मिक अहंकार को खत्म करने, बदलाव के लिए तैयार : बोस

पश्चिम बंगाल धार्मिक अहंकार को खत्म करने, बदलाव के लिए तैयार : बोस

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  • Publish Date - December 7, 2025 / 10:31 PM IST,
    Updated On - December 7, 2025 / 10:31 PM IST

कोलकाता, सात दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने रविवार को कहा कि राज्य ‘‘धार्मिक अहंकार को खत्म करने के लिए तैयार है।’’

राज्यपाल का परोक्ष तौर पर इशारा एक दिन पहले मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने की घटना की ओर था।

बोस ने कहा कि राज्य ‘‘परेशान करने वाली एक स्थिति’’ से गुजर रहा है और बदलाव के लिए तैयार है। हालांकि, इस बारे में उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं कहा।

राज्यपाल की यह टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद के रेजिनगर में अयोध्या के बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक मस्जिद की आधारशिला रखे जाने के एक दिन बाद आयी है।

बोस ने यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ आयोजन स्थल पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए भी तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य (पश्चिम बंगाल) एक दुखद स्थिति से गुजर रहा है… बंगाल बदलाव के लिए तैयार है। पश्चिम बंगाल धार्मिक अहंकार को ख़त्म करने के लिए तैयार है।’’

राज्यपाल ने भगवद्गीता का पाठ करते हुए कहा, ‘‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे, जिसका अर्थ है भगवान कह रहे हैं कि ‘सत्पुरुषों की रक्षा करने के लिए, दुष्कर्म करने वाले दुष्टों के विनाश के लिए और धर्म की पुनः स्थापना करने के लिए मैं प्रत्येक युग में अवतरित होता हूं।’’

भाषा पर जारी बहस पर टिप्पणी करते हुए, बोस ने कहा, ‘हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, लेकिन अंग्रेज़ी हमारी मातृभाषा नहीं है। यह हमारी ‘दायमा’ (एक देखभाल करने वाली है जो बच्चे को पालने में मां की मदद करती है) की तरह है। एक देखभाल करने वाली मां कभी भी एक असली मां की जगह नहीं ले सकती।’

कार्यक्रम में, बोस ने स्पष्ट किया कि वह हिंदी में बोलेंगे।

उन्होंने एक ‘नरेंद्र’ (नरेंद्रनाथ दत्त – स्वामी विवेकानंद) का भी उल्लेख किया, जिन्होंने हिंदू धर्म और भारतीय अध्यात्म को पश्चिम में पहुंचाया।

‘पंच लाखो कोंठे गीता पाठ’ (एक साथ पांच लाख गीता पाठ) कार्यक्रम का आयोजन सनातन संस्कृति संसद द्वारा किया गया था, जो विभिन्न मठों और हिंदू धार्मिक संस्थानों से आए भिक्षुओं और आध्यात्मिक नेताओं का एक समूह है।

भाषा अमित प्रशांत

प्रशांत