कौन है मोनू मानेसर? मेवात दंगे में क्यों आ रहा है नाम, दो लोगों को जिंदा जलाने को लेकर आया था चर्चा में

Who is Monu Manesar : वहीं इन दंगो की खबरों के बीच एक ऐसा नाम है जो हर किसी के जबान पर है। यह नाम है मोनू मानेसर का।

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  • Publish Date - August 1, 2023 / 12:22 PM IST,
    Updated On - August 1, 2023 / 12:23 PM IST

नई दिल्ली : Who is Monu Manesar : हरियाणा के मेवात और नूंह में दो समुदायों के बीच जबरदस्त बवाल हुआ। दोनों समुदाय ने एक-दूसरे पर जमकर पत्थर चलाए। कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की। मेवात में भगवा यात्रा के दौरान बवाल हुआ और हंगामा इतना बढ़ा कि पत्थर के साथ साथ गोली भी चली, इस पथराव में कई लोग घायल हो गए। इस हिंसा में दो होमगार्डस और एक नागरिक की मौत हो गई। 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हिंसा अब गुरुग्राम तक फैल गई है। सोहना में भी आगजनी हुई है।

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दंगो के बीच चर्चा में आया मोनू मानेसर

Who is Monu Manesar : वहीं इन दंगो की खबरों के बीच एक ऐसा नाम है जो हर किसी के जबान पर है। यह नाम है मोनू मानेसर का। मोनू ने रविवार को वीडियो जारी कर ऐलान किया था कि वो भी इस यात्रा में शामिल होगा, तभी से इसको लेकर इलाके में तनाव का माहौल था। ये वही मोनू मानेसर है जिसका नाम इसी साल फरवरी में जुनैद और नासिर की हत्या करने के मामले में सामने आया था।

जुनैद और नासिर के जले हुए शव भिवानी में एक कार के अंदर मिले थे। उनके परिजनों ने जो FIR दर्ज करवाई उसमें मोनू का भी नाम था। परिजनों का आरोप था कि गोतस्करी के शक में जुनैद और नासिर की हत्या खुद को गौरक्षक बताने वाले लोगों ने की है। इसी को लेकर मेवात के लोगों में गुस्सा था। लोगों का कहना था कि मेवात में यात्रा काफी समय से निकाली जा रही है और इसको लेकर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। आपत्ति सिर्फ मोनू मानेसर के इस यात्रा में शामिल होने को लेकर है। हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि मोनू इस यात्रा में आया था या नहीं।

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8 साल पहले जुड़ा था बजरंग दल से

Who is Monu Manesar :  मोनू मानेसर जिसका असली नाम मोहित यादव है, वो खुद को गौरक्षक बताता है। उसका खुद का एक यूट्यूब चैनल भी है, जिसपर वो गोतस्करों को पकड़ने के अलावा अपने वीडियो डालता है। आठ साल पहले बजरंग दल से जुड़ने वाला मोनू गुरुग्राम के मानेसर का ही रहने वाला है। साल 2011 में बजरंग दल से जुड़ने वाला मोनू आज बजरंग दल प्रांत गोरक्षक प्रमुख है। लगभग 8 साल से ही वो गोतस्करों को पकड़ने का काम कर रहा है। साल 2019 में गोतस्करों को पकड़ते वक्त मोनू को गोली भी लग गई थी। अपने चैनल पर मोनू गोहत्या और गोतस्करों के नेटवर्क को खत्म करने की खुली चेतावनी देता है। वह पिछले कुछ सालों से गो तस्करों से मुठभेड़ में मुख्य चेहरे के तौर पर सामने आया है। मोनू पर युवक को गोली मारने का भी आरोप लग चुका है। मोनू काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स का भी सदस्य है।

पलवल, झज्जर, पानीपत, सोनीपत, नूंह, रेवाड़ी, गुरुग्राम समेत राज्य के कई जिलों में मोनू के मुखबिरों का नेटवर्क है। साथ ही उसे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के जरिए भी जानकारी मिलती रहती है। जब मोनू मवेशियों के तस्कर को पकड़ लेता है तो वो उन्हें पुलिस के हवाले कर देता है। जुनैद और नासिर के परिजनों का कहना था कि पुलिस का भी उसे समर्थन मिलने से इलाके में उसकी दबंगई बढ़ गई है। मोनू मानेसर का राजनेताओं के साथ उठना बैठना है। देश के कई बड़े राजनेताओं के साथ उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हैं।

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बड़े राजनेताओं के साथ है मोनू का उठना-बैठना

Who is Monu Manesar : राजनीतिक और जन समर्थन होने के चलते पुलिस भी उसपर एक्शन नहीं लेती है, ऐसा आरोप जुनैद और नासिर के परिजनों ने लगाया था। तब भी उस हत्याकांड में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई थी, लेकिन मोनू पुलिस की जद से दूर था। वो लगातार वीडियो अपने सोशल मीडिया पर डाल रहा था, लेकिन फिर भी पुलिस उसके गिरेबान तक नहीं पहुंची थी। अब एक बार फिर मोनू का नाम दंगों के चलते सुनाई दिया है तो सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों पुलिस मोनू को पकड़ने में कामयाब नहीं हुई।

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क्या है भिवानी कांड

Who is Monu Manesar : हरियाणा के भिवानी के लोहारू में 16 फरवरी 2023 को जली हुई एक बोलेरो कार में दो कंकाल मिले थे। मरने वालों की पहचान नासिर (25) और जुनैद (35) के रूप पर हुई। दोनों राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे। परिजन ने नासिर और जुनैद के अगवा होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा था कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दोनों का भरतपुर से अपहरण किया। इस मामले में पुलिस ने बजरंग दल और गौ रक्षा दल के मोनू मानेसर समेत 5 लोगों पर मामला दर्ज किया था।

जुनैद और नासिर की हत्या का मामला गौ तश्करी से जुड़ा होने का दावा किया था। दरअसल, जुनैद पर गौ तस्करी के 5 मामले दर्ज थे। जबकि नासिर का कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं मिला था। आरोपी मोनू मानेसर के समर्थन में हरियाणा में महापंचायत बुलाई गई थी। इस महापंचायत में कहा गया था, ‘पुलिस अगर मोनू के गांव गई तो अपने पैरों पर वापस नहीं जाएगी।’ वहीं, एसीपी हरिंदर कुमार ने कहा था, अगर जरूरी हुआ तो पुलिस निश्चित रूप से गांव में दाखिल होगी।

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