पहले ही एमआरपी से अधिक शुल्क वसूल रहे रेस्तरां, सेवा शुल्क क्यों लगा रहे : दिल्ली उच्च न्यायालय

पहले ही एमआरपी से अधिक शुल्क वसूल रहे रेस्तरां, सेवा शुल्क क्यों लगा रहे : दिल्ली उच्च न्यायालय

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  • Publish Date - August 22, 2025 / 08:25 PM IST,
    Updated On - August 22, 2025 / 08:25 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को रेस्तरां एसोसिएशन से पूछा कि जब आप पहले ही अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर अधिक शुल्क वसूल रहे हैं, तो फिर आप सेवा शुल्क क्यों ले रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने होटल और रेस्तरां संघों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से यह प्रश्न पूछा, जिन्होंने एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

मार्च में उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश ने कहा था कि रेस्तरां भोजन के बिल पर ‘‘छिपे हुए और जबरन तरीके’’ से अनिवार्य रूप से सेवा शुल्क नहीं लगा सकते, क्योंकि यह जनहित के विरुद्ध है और अनुचित व्यापार व्यवहार के समान है।

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने शुक्रवार को कहा कि रेस्तरां आगंतुकों से तीन घटकों के तहत शुल्क ले रहे हैं, जिसमें बेची गई खाद्य वस्तुएं, रेस्तरां का वातावरण प्रदान करना और खाना परोसना शामिल है।

पीठ ने कहा, ‘‘आप अपने रेस्तरां में आने वाले व्यक्ति को मिलने वाले अनुभव के लिए एमआरपी से अधिक शुल्क ले रहे हैं, और आप प्रदान की गई सेवा के लिए सेवा शुल्क भी ले रहे हैं… क्या किसी विशेष प्रकार के अनुभव के लिए माहौल प्रदान करने में आपकी सेवाएं शामिल नहीं होंगी? यह हमारी समझ से परे है। इस सेवा शुल्क में यह भी शामिल होना चाहिए।’’

पीठ ने होटल और रेस्तरां संघों के वकील से एक उदाहरण के माध्यम से पूछा कि जब रेस्तरां 20 रुपये की पानी की बोतल के लिए 100 रुपये ले रहे हैं, तो ग्राहक को प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए अतिरिक्त शुल्क क्यों देना होगा।

भाषा शफीक नेत्रपाल

नेत्रपाल