संसद का शीतकालीन सत्र : नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने की ये है मंशा, मोदी सरकार करना चाहती है बड़ा बदलाव

संसद का शीतकालीन सत्र : नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने की ये है मंशा, मोदी सरकार करना चाहती है बड़ा बदलाव

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  • Publish Date - November 17, 2019 / 02:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

नई दिल्ली । संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश करेगी। संसद के इस सत्र में केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन बिल समेत कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पास कराने की कोशिश करेगी। आपदा प्रबंधन (पहला संशोधन) विधेयक, औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, गर्भ का चिकित्सीय समापन (संशोधन) विधेयक समेत 27 बिल संसद में पेश किए जाएंगे। संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा। इस सेशन में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पास कराने की कोशिश करेगी ।

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इस सत्र में सरकार कई अहम बिल पेश करेगी , जिसमें नागरिकता संशोधन बिल भी होगा। इस बिल का काफी विरोध होता रहा है। हालांकि इस सत्र में संसद के पटल पर इसे रखा जाएगा और सरकार को इसे आसानी से पास करा लेने की उम्मीद भी है। इस विधेयक के कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल की जगह 6 साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। पूर्वोत्तर के लोगों का विरोध है कि यदि यह बिल पास होता है तो इससे राज्यों की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत के साथ खिलवाड़ होगा।

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नागरिकता संशोधन बिल हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाइयों को जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से बिना वैध यात्रा दस्तावेजों के भारत आए हैं या जिनके वैध दस्तावेजों की समय सीमा बीते सालों में समाप्त हो गई है, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाता है। यह बिल बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के 6 गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के लोगों को भारतीय नागरिकता हासिल करने में आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रावधान करता है।

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इस बिल के खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन हुए हैं. संसद के पिछले सत्र में विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया था. उत्तर-पूर्व के कई राज्य इस विधेयक के विरोध में हैं. इसे देखते हुए सरकार ने इसमें संशोधन का वादा किया है. शीत सत्र में संसद पटल पर इसे रखा जाएगा और सरकार इसे आसानी से पास करा लेने की उम्मीद में है।

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