Manoj Muntashir clarification on Adipurush dialogue
मुंबई: फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग्स को लेकर दर्शकों की आलोचना झेल रहे लेखक मनोज मुंतशिर ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। डायलॉग्स को लेकर अब उनकी सफाई भी सामने आई है। (Manoj Muntashir clarification on Adipurush dialogue) एक टीवी चैनल को दिए अपने इंटरव्यूव में उन्होंने इन आलोचनाओं पर अपनी सफाई पेश करते हुए बताया है कि इस तरह डायलॉग्स जानबूझकर रखे हैं ताकि सभी को कनेक्ट किया जा सके। बकौल मुंतशिर सिर्फ हनुमान जी एक डायलॉग्स पर बात नहीं होनी चाहिए बल्कि आदिपुरुष फिल्म में राम और सीता के साथ दूसरे चरित्रों के संवाद को भी देखा जाना चाहिए।
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मनोज ने कहा कि, ‘रामायण हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। अखंड पाठ होता है, कथावाचक होते हैं। मैं एक छोटे से गांव से आया हूं। हमारे यहां दादियां-नानियां जब कथा सुनाती थीं तो इसी भाषा में सुनाती थीं। ये जो डायलॉग आपने जिक्र किया, इस देश के बड़े-बड़े संत, इस देश के बड़े-बड़े कथावाचक ऐसे ही बोलते हैं जैसा मैंने लिखा है, मैं पहला नहीं हूं जिसने इस तरह के डायलॉग लिखे हैं, यह पहले से ही है।’
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बता दें कि फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग्स को लेकर लेखक मुंतशिर दर्शकों के निशाने पर आ गए है। खासकर हनुमान जी के द्वारा किये गए संवाद में ‘कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की, तो जलेगी भी तेरे बाप की’ जैसे संवाद पर सवाल उठाये जा रहे है। (Manoj Muntashir clarification on Adipurush dialogue) कई जगहों पर दक्षिणपंथी संगठनों ने फिल्म को बैन करने की भी मांग की है। इतना ही नहीं बल्कि धर्म के अपमान के आरोप में फिल्म के खिलाफ याचिका भी दायर कर दी गई है।
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