IBC24 Mind Summit 2025/ Image Source: IBC24
IBC24 Mind Summit 2025 रायपुर: छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने आज अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन दो वर्षों में सरकार ने किन चुनौतियों का सामना किया, अपने चुनावी वादों को किस हद तक ज़मीन पर उतारा और शासन–प्रशासन के स्तर पर क्या ठोस बदलाव किए—इन्हीं अहम सवालों के जवाब तलाशने के लिए IBC24 ने ‘माइंड समिट 2025’ स्टूडियो एडिशन का आयोजन किया। IBC24 के खास इवेंट ‘माइंड समिट’ में राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने शिरकत की। इस दौरान IBC24 के मंच पर उनसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर सवाल किए गए।
IBC24 Mind Summit 2025 उनसे पूछा गया कि IBC24 के खास इवेंट ‘माइंड समिट’ में राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने शिरकत की। इस दौरान IBC24 के मंच पर उनसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर सवाल किए गए। उनसे पूछा गया कि मानव तस्करी की बात करें तो छोटी-छोटी बच्चियों को यहाँ से अन्य राज्यों में ले जाकर उनसे बाल मजदूरी करवाई जा रही है। इसको लेकर विभाग की तरफ से क्या कोई रूपरेखा बनाई गई है? कई जगह जब हम देखते हैं कि बहुत कुछ इंप्लीमेंट नहीं होता, माता-पिता घूमते रहते हैं और कई लोगों को बताते रहते हैं, बावजूद इसके यह समस्या बनी रहती है। क्या आपको लगता है कि यह किसी फेलर की वजह से हो रहा है?
IBC24 Mind Summit 2025 इसका जवाब देते हुए मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने बताया कि पिछली स्थिति की तुलना में अब सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि “मैं यह बिल्कुल कहने में झिझक रही हूँ कि हमारे यहाँ की बच्चियाँ दूसरे राज्यों में जाती हैं और मजदूरी करने जाती हैं। उन्हें किसी प्रकार से बहला-फुसला कर ले जाया जाता है। यह थोड़ी सी दिक्कतें हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि विभाग इस दिशा में काम नहीं कर रहा है।
IBC24 Mind Summit 2025 उन्होंने आगे बताया कि विभाग लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है और जहाँ भी ऐसे केस सामने आते हैं, तत्काल एक टीम गठित करके वहाँ से बच्चों को सुरक्षित वापस लाया जाता है। इसके साथ ही, केवल बच्चों को लाने तक ही सीमित नहीं रखा गया है। आवश्यकता पड़ने पर, यदि परिवार या बच्चे रोजगार की दिक्कत या रोज़मर्रा के खर्चों के कारण अन्य राज्यों में जाने को मजबूर हैं, तो उनके लिए भी उचित योजना बनाई जाती है। लक्ष्मी रजवाड़े ने कहा कि हम उन बच्चियों को लाकर उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। हमारे विभाग में कई ऐसी योजनाएँ हैं जिनसे हम उन्हें जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।