CG land registration: छत्तीसगढ़ में जमीन की रजिस्ट्री में हुए 10 क्रांतिकारी बदलाव! वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने दी एक-एक रिफॉर्म की जानकारी …देखें

CG land registration: जगदलपुर के कलेक्ट्रेट कार्यालय में रजिस्ट्री कार्य में हुए 10 क्रांतियों को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशाला आयोजित की गई

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  • Publish Date - May 17, 2025 / 08:58 PM IST,
    Updated On - May 17, 2025 / 08:59 PM IST

CG land registration, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • आधार इंटीग्रेशन का काम, सुगम के माध्यम से जिओ टैगिंग
  • केवल 500 रूपए में रजिस्ट्री, पेड़ों की रजिस्ट्री में शुल्क जीरो
  • पंजीयन में 10 बड़े क्रांतिकारी रिफॉर्म लागू किए गए: वित्तमंत्री ओपी चौधरी

जगदलपुर: CG land registration छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओपी चौधरी शनिवार से अपने बस्तर दौरे पर हैं। जगदलपुर के कलेक्ट्रेट कार्यालय में रजिस्ट्री कार्य में हुए 10 क्रांतियों को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशाला आयोजित की गई है, जिसमें 10 क्रांतियों के विषय जानकारी दी जा रही है। बस्तर के बाद अन्य जिलों में भी वित्त मंत्री इस कार्यशाला में शामिल होंगे।

वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में सभी प्रकार के स्टेक होल्डर के साथ रजिस्ट्री के 10 क्रांतियों पर विस्तार से वर्कशॉप आयोजित किया गया है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सुशासन गवर्नेंस के लिए हर तरह से प्रयास किया जा रहे हैं। पंजीयन में 10 बड़े क्रांतिकारी रिफॉर्म लागू किए गए हैं। और उसे जमीन पर उतारने के लिए वर्कशॉप बहुत जरूरी थे। उस दृष्टिकोण से पूरे प्रदेश में लगभग लगातार एक-एक करके वर्कशॉप आयोजित किया जा रहे हैं।

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आधार इंटीग्रेशन का काम, सुगम के माध्यम से जिओ टैगिंग

वित्तमंत्री ने बताया कि इसमें आधार इंटीग्रेशन का काम किया गया है। जिससे एक व्यक्ति के नाम पर दूसरा व्यक्ति उपस्थित होकर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री ना कर सकें। सुगम के माध्यम से जिओ टैगिंग किया जा रहा है। ताकि एक जगह की रजिस्ट्री दिखाकर दूसरी जगह की रजिस्ट्री ना कर सकें। डिजी लॉकर की सुविधा भी मिलेगी। रजिस्ट्री के जितने डाक्यूमेंट्स हैं व्हाट्सएप में प्राप्त हो सकेंगे। इस तरह की सुविधा स्वत: नामांतरण अर्थात पंजीयन के बाद नामांतरण अपने आप हो जाएगा।

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केवल 500 रूपए में रजिस्ट्री, पेड़ों की रजिस्ट्री में शुल्क जीरो

उन्होंने बताया कि किसी को कार्यालय के चक्कर न काटना पड़े, इस तरह के अलग-अलग कार्य किये जा रहे हैं। केवल 500 रूपए में रजिस्ट्री, पेड़ों की रजिस्ट्री में रजिस्ट्री शुल्क को जीरो करना, इस तरह 10 कार्यों को रिफॉर्म्स किया गया है। 10 नई क्रांतियों के रूप में हम पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री के लीडरशिप में लागू किए हैं। आज बस्तर में वर्कशॉप हुआ है और मैं मानता हूं कि बस्तर के सभी जिलों में लागू होगा और एक सुशासन गवर्नेंस में एक नया अध्याय लिखा जाएगा।

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. छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री प्रक्रिया में हुए 10 बड़े बदलाव कौन-कौन से हैं?

वित्तमंत्री ओपी चौधरी के अनुसार, रजिस्ट्री प्रक्रिया में निम्नलिखित 10 क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं: आधार इंटीग्रेशन – फर्जी रजिस्ट्री रोकने के लिए। जियो टैगिंग – लोकेशन आधारित रजिस्ट्री सत्यापन। डिजी लॉकर इंटीग्रेशन – दस्तावेजों की डिजिटल उपलब्धता। व्हाट्सएप पर डॉक्युमेंट डिलीवरी – त्वरित प्राप्ति। स्वतः नामांतरण – पंजीयन के बाद स्वत: खतौनी में नाम अपडेट। 500 रुपए में सरल रजिस्ट्री प्रक्रिया – कम लागत में रजिस्ट्री। पेड़ की रजिस्ट्री में शुल्क माफी – हरियाली को बढ़ावा। ऑनलाइन ट्रैकिंग सुविधा – रजिस्ट्री स्टेटस की जानकारी। एकीकृत पोर्टल से सेवा – सभी सेवाएं एक मंच पर। पारदर्शिता और जवाबदेही – भ्रष्टाचार और दलाली पर रोक।

आधार इंटीग्रेशन का रजिस्ट्री प्रक्रिया में क्या महत्व है?

आधार इंटीग्रेशन से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिस व्यक्ति की रजिस्ट्री हो रही है, वही फिजिकल रूप से उपस्थित हो। इससे फर्जीवाड़ा या किसी दूसरे के नाम पर संपत्ति की धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी।

जियो टैगिंग का उपयोग कैसे किया जा रहा है?

जियो टैगिंग के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि जिस स्थान की जमीन रजिस्टर्ड हो रही है, वह लोकेशन सटीक है। इससे किसी दूसरी जगह की भूमि को दिखाकर गलत रजिस्ट्री करने की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी।

क्या अब रजिस्ट्री के बाद खतौनी में नाम अपने आप बदल जाएगा?

हां, एक बड़ा सुधार यह किया गया है कि स्वतः नामांतरण की सुविधा दी गई है। अब रजिस्ट्री के बाद खतौनी (भूमि रिकॉर्ड) में स्वत: नाम अपडेट हो जाएगा, जिससे लोगों को बार-बार तहसील या राजस्व कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

क्या सभी जिलों में यह नई व्यवस्था लागू हो चुकी है?

वित्तमंत्री के अनुसार, यह सुधार प्रदेशभर में चरणबद्ध रूप से लागू किए जा रहे हैं। बस्तर से इसकी शुरुआत हुई है और अन्य जिलों में भी जल्द ही कार्यशालाओं के माध्यम से इसे लागू किया जाएगा।