Decision to Scrap 62 Lakh Vehicles, image source: ANI
नईदिल्ली: Decision to scrap 62 lakh old vehicles, देश ही राजधानी नईदिल्ली से करीब 62 लाख पुरानी गाड़ियां हटाने का निर्णय दिल्ली की रेखा सरकार ने लिया है। इसे लेकर दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी ने कहा है कि “62 लाख गाड़ियां सड़क से हटेंगी ताकि लोग मजबूरी में नई गाड़ियां खरीदें”।
दरअसल, राजधानी दिल्ली में 10 साल से अधिक पुरानी डीजल व 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को फ्यूल न देने के फैसले पर आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने इस फैसले को तुगलकी फरमान बताते देते हुए दावा किया कि इस आदेश का मकसद सिर्फ दिल्ली के लोगों को परेशान करना और वाहन निर्माता कंपनियों को लाभ पहुंचाना है।
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पूर्व सीएम ने कहा कि “62 लाख गाड़ियों को एक झटके में सड़क से हटाना पड़ेगा, जिनमें 40 लाख टू व्हीलर और 20 लाख अन्य वाहन शामिल हैं। ये वही टू व्हीलर हैं जिनसे दिल्ली के लोग, खासकर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोग, रोज ऑफिस जाते हैं। अब वे क्या करेंगे?” उन्होंने कहा कि इस आदेश से बुजुर्गों व सीनियर सिटीजन्स की भी बड़ी मुश्किल हो जाएगी। दिल्ली में बहुत से बुजुर्ग सेकंड हैंड गाड़ी लेकर बाजार और जरूरी कामों के लिए निकलते हैं। अब उनसे भी सुविधा छिन जाएगी।”
आतिशी ने भाजपा पर ऑटो कंपनियों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि पुराने वाहनों को हटाकर लोगों को मजबूर किया जाएगा कि वे नई गाड़ियां और मोटरसाइकिलें खरीदें। इसका सिर्फ एक ही कारण है कि बीजेपी की गाड़ी और मोटरसाइकिल मैन्युफैक्चरर्स से सेटिंग हो गई है। 62 लाख लोग जब नई गाड़ियां खरीदेंगे तो फायदा सिर्फ कंपनियों को होगा।
आतिशी ने भाजपा से सीधा सवाल करते हुए कहा कि “मैं बीजेपी को चुनौती देती हूं कि बताए कि पिछले 5 साल में गाड़ी और मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनियों से उन्हें कितना चंदा मिला है? दिल्ली के लोगों के सामने रखें कि लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव या दिल्ली चुनाव में कितना डोनेशन लिया?” उन्होंने कहा कि किसी गाड़ी की उम्र व उसके प्रदूषण का सीधा संबंध नहीं है। अगर गाड़ी अच्छी तरह से मेंटेन हो तो वह पुरानी होने के बावजूद प्रदूषण नहीं फैलाती है।
आतिशी ने कहा कि कई गाड़ियां 15 साल में सिर्फ 50,000 किलोमीटर चली होती हैं, फिर भी उन्हें हटाया जाएगा। जहां सरकार इस कदम को प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी बता रही है। अदालतों के आदेश का हवाला दे रही है वहीं आतिशी ने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट हो या हाई कोर्ट, वे कानून के आधार पर आदेश देते हैं। कानून में गाड़ी की फिटनेस व माइलेज को आधार बनाया जा सकता है, अगर बीजेपी सच में दिल्ली वालों को राहत देना चाहे तो नियम बदलने के लिए पहल कर सकती है।
दिल्ली की जनता को परेशान करने के लिए BJP सरकार का तुगलकी फरमान‼️
♦️ बीजेपी सरकार ने 62 लाख गाड़ियों को सड़क से हटाने का फरमान जारी कर दिया है
♦️ इससे दिल्ली की जनता को नुकसान और वाहन निर्माता कंपनियों को फ़ायदा होगा
♦️ BJP बताए कि उसने वाहन निर्माता कंपनियों से कितना चंदा… pic.twitter.com/2E0Oav69EY
— AAP (@AamAadmiParty) July 2, 2025