Air Chief Marshal on defense deals: हम ऐसी डील क्यों करते हैं जिनकी डिलीवरी समय पर न हो? रक्षामंत्री के सामने एयर चीफ मार्शल ने रक्षा सौदों में देरी पर उठाए गंभीर सवाल

Air Chief Marshal on defense deals: उन्होंने कहा, "टाइमलाइन हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। मैं ऐसा एक भी प्रोजेक्ट नहीं बता सकता जो तय समय में पूरा हुआ हो। उन्होंने सवाल उठाया कि हम ऐसे वादे क्यों करते हैं जिन्हें पूरा नहीं किया जा सकता?"

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  • Publish Date - May 29, 2025 / 06:19 PM IST,
    Updated On - May 29, 2025 / 06:22 PM IST

Air Chief Marshal on defense deals, image source: swadesh

HIGHLIGHTS
  • तेजस Mk1A की डिलीवरी में देरी पर चिंता
  • डिजाइन और उत्पादन दोनों पर देना होगा ज़ोर
  • युद्ध ताकतवर सेनाएं जीतती हैं और इसके लिए तैयारियों में कोई कोताही नहीं : एयर चीफ मार्शल

नई दिल्ली: Air Chief Marshal on defense deals, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा खरीद परियोजनाओं में हो रही देरी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। CII (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) की एक वार्षिक समिट के दौरान उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कई बार रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर करते समय ही यह आभास हो जाता है कि संबंधित सिस्टम समय पर नहीं मिल पाएंगे।

उन्होंने कहा, “टाइमलाइन हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। मैं ऐसा एक भी प्रोजेक्ट नहीं बता सकता जो तय समय में पूरा हुआ हो। उन्होंने सवाल उठाया कि हम ऐसे वादे क्यों करते हैं जिन्हें पूरा नहीं किया जा सकता?”

तेजस Mk1A की डिलीवरी में देरी पर चिंता

एयर चीफ मार्शल ने खासतौर पर स्वदेशी रक्षा परियोजनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ फरवरी 2021 में किए गए 48,000 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट के बावजूद 83 तेजस Mk1A फाइटर जेट्स में से एक भी विमान अब तक वायुसेना को नहीं मिला है। जबकि इनकी डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होनी थी।

उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की देरी सिर्फ तेजस तक सीमित नहीं है। तेजस Mk2 का प्रोटोटाइप अब तक रोलआउट नहीं हुआ है और स्टील्थ फाइटर प्रोजेक्ट AMCA का भी कोई प्रोटोटाइप अब तक सामने नहीं आया है।

डिजाइन और उत्पादन दोनों पर देना होगा ज़ोर

Air Chief Marshal on defense deals, वायुसेना प्रमुख ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर ज़ोर देने की सरकार की नीति का समर्थन करते हुए यह भी कहा कि सिर्फ उत्पादन की बात नहीं, हमें डिजाइनिंग क्षमताओं को भी विकसित करना होगा। उन्होंने कहा, “सेना और उद्योग के बीच विश्वास की बेहद ज़रूरत है। अगर हम किसी योजना के लिए प्रतिबद्ध होते हैं तो हमें उसे हर हाल में पूरा करना चाहिए। वायुसेना देश में निर्माण को बढ़ावा देने के लिए अपना पूरा प्रयास कर रही है।”

एयर चीफ ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इंडस्ट्री से अधिक उत्पादन मिल सकता है, लेकिन जो ज़रूरतें आज की हैं, उन्हें तुरंत पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि युद्ध ताकतवर सेनाएं जीतती हैं और इसके लिए तैयारियों में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। इस समिट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे, जिससे एयर चीफ की टिप्पणी और भी अहम मानी जा रही है।

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तेजस Mk1A की डिलीवरी में अब तक देरी क्यों हुई है?

उत्तर: तेजस Mk1A की डिलीवरी में देरी की मुख्य वजह उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं, HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) द्वारा तय समयसीमा का पालन न करना और डिज़ाइन/तकनीकी सुधारों की प्रक्रिया में लगने वाला अतिरिक्त समय है। HAL को मार्च 2024 से डिलीवरी शुरू करनी थी, लेकिन अब तक एक भी विमान नहीं सौंपा गया है।

क्या तेजस Mk2 और AMCA प्रोजेक्ट्स भी देरी का शिकार हैं?

उत्तर: हाँ। तेजस Mk2 का प्रोटोटाइप अब तक रोलआउट नहीं हुआ है और AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) स्टील्थ फाइटर का प्रोटोटाइप भी अब तक सामने नहीं आया है। इन परियोजनाओं की प्रगति धीमी होने से वायुसेना की दीर्घकालिक योजना पर असर पड़ सकता है।

एयर चीफ मार्शल की मुख्य चिंता क्या है?

उत्तर: एयर चीफ की मुख्य चिंता यह है कि रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर करते समय ही यह स्पष्ट हो जाता है कि सिस्टम समय पर डिलीवर नहीं हो पाएंगे। उन्होंने टाइमलाइन और डिलीवरी में हो रही देरी को सबसे बड़ा मुद्दा बताया है, जो देश की युद्ध-तैयारी को प्रभावित कर सकता है।

क्या एयर चीफ ने स्वदेशी उत्पादन का विरोध किया है?

उत्तर: नहीं। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन आवश्यक है। लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि केवल उत्पादन नहीं, डिज़ाइन क्षमताओं को भी विकसित करना होगा और वादों को समय पर पूरा करना जरूरी है।