CG News: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा एक और भवन! 5 महीने में ही पड़ने लगी दरारें, इतने करोड़ की लागत से हुआ था निर्माण

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा एक और भवन! 5 महीने में ही पड़ने लगी दरारें, Another building fell prey to corruption! Cracks started appearing in just 5 months

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Reported By: Dhananjay Tripathi

Modified Date: May 29, 2025 / 12:03 AM IST
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Published Date: May 28, 2025 9:34 pm IST

महासमुंदः CG News: निर्माण एजेंसी के द्वारा हैंडओवर देने के महज पांच महीने बाद ही भवन की दीवारों में दरारें दिखने लगी, छत में सीपेज आने लगी तो गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजमी है। ऐसे सवाल उठ रहे हैं महासमुंद जिले के शासकीय आयुष पॉलीक्लिनिक भवन को लेकर, जहां हैंडओवर देने के पांच महीने बाद ही भवन के दीवारों में दरारें और छत में सीपेज आने लगी है। इसकी शिकायत संबंधित विभाग के तत्कालीन विभाग प्रमुख ने अपने विभाग के संचालक को लिखित में की, लेकिन निर्माण एजेंसी लीपा-पोती कर अपने जिम्मेदारी से इतिश्री कर लिया। भवन की दीवारों में दरारें आज भी बरकरार है। पूर्व पार्षद भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए जांच उपरांत दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं कलेक्टर जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं।

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CG News: दरअसल, महासमुंद नगर से सटे ग्राम खैरा मे शासकीय आयुष पॉलीक्लिनिक के भवन का निर्माण ढ़ाई करोड़ की लागत से निर्माण एजेंसी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) ने कराया और 29 नवंबर 2023 को उस वक्त के तत्कालीन जिला आयुर्वेद अधिकारी ने भवन का हैंडओवर लिया। पांच महीने बाद ही आयुष पॉलीक्लिनिक के चिकित्सा अधिकारी ने 20 अप्रैल 2024 को जिला आयुर्वेद अधिकारी को लिखित शिकायत कर बताया कि भवन की दीवारों दरारें पड़ गई है। सीलिंग से सीपेज हो रही है। सभी वाटरटैप में पानी का फ्लो कम है। जिसकी शिकायत मौखिक रुप से इंजीनियर से करने के बाद भी समस्या ज्यों का त्यों बनी हुई है। आयुष चिकित्सा अधिकारी की शिकायत पर तत्कालीन जिला आयुर्वेद अधिकारी ने इसकी लिखित शिकायत विभाग के संचालक से की, लेकिन समस्या अभी तक नहीं सुलझ पाया है।

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जिम्मेदारों से सवाल पर आया ये जवाब

महासमुंद नगरपालिका के पूर्व पार्षद मनीष शर्मा का कहना है कि मैं कुछ दिन पहले गया था तो दीवारों में दरारे दिख रही है। छत से सीपेज आ रहा है, जिससे साफ पता चलता है कि भवन निर्माण के समय निर्माण एजेंसी ने गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया है। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस पूरे मामले मे निर्माण एजेंसी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड (सी जी एम एस सी) के उप अभियंता का कहना है कि कुछ इश्यू आये थे जिसे दूर किया गया था अभी भी इश्यू है तो दूर करने का प्रयास किया जायेगा। मामले मे कलेक्टर विनय कुमार लंगेर का कहना है कि आप से ये बाते संज्ञान मे आई है, जिसकी जांच करा कर दोषी पाये जाने पर संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। गौरतलब है कि शासन ने वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड ( सी जी एम एस सी ) को प्रदेश के आठ जिलो मे आयुष पाॅलीक्लिनिक बनाने के लिए 20 करोड़ 40 लाख रुपये आवंटित किये थे । उसमे से एक महासमुंद जिले का भी आयुष पाॅलीक्लिनिक था । बहरहाल देखना होगा कि अब इस पूरे मामले के जांच रिपोर्ट क्या आती है।

आयुष पॉलीक्लिनिक भवन में दरारें क्यों आईं?

भवन में दरारें और सीपेज आने का मुख्य कारण निर्माण में उपयोग की गई घटिया सामग्री और गुणवत्ता की अनदेखी मानी जा रही है। निर्माण एजेंसी CGMSC द्वारा यह भवन बनाया गया था।

CGMSC की भूमिका क्या है आयुष पॉलीक्लिनिक निर्माण में?

CGMSC (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड) को आयुष पॉलीक्लिनिक भवन का निर्माण कार्य सौंपा गया था। यह संस्था प्रदेशभर में स्वास्थ्य संबंधित निर्माण कार्यों की जिम्मेदार होती है।

आयुष पॉलीक्लिनिक महासमुंद में भ्रष्टाचार की जांच कौन कर रहा है?

इस मामले की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर विनय कुमार लंगेर ने जांच कराने और दोषियों को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही है।

क्या सी जी एम एस सी को पहले भी शिकायतें मिली हैं?

हां, आयुष चिकित्सा अधिकारी और जिला आयुर्वेद अधिकारी ने पहले भी लिखित शिकायतें की हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

"CGMSC" भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में पहले भी फंसी है क्या?

अभी तक महासमुंद के इस विशेष मामले की जांच चल रही है। यदि जांच में दोष सिद्ध होता है, तो यह CGMSC के लिए बड़ी साख का सवाल बन सकता है।