Reported By: Dhananjay Tripathi
,महासमुंदः CG News: निर्माण एजेंसी के द्वारा हैंडओवर देने के महज पांच महीने बाद ही भवन की दीवारों में दरारें दिखने लगी, छत में सीपेज आने लगी तो गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजमी है। ऐसे सवाल उठ रहे हैं महासमुंद जिले के शासकीय आयुष पॉलीक्लिनिक भवन को लेकर, जहां हैंडओवर देने के पांच महीने बाद ही भवन के दीवारों में दरारें और छत में सीपेज आने लगी है। इसकी शिकायत संबंधित विभाग के तत्कालीन विभाग प्रमुख ने अपने विभाग के संचालक को लिखित में की, लेकिन निर्माण एजेंसी लीपा-पोती कर अपने जिम्मेदारी से इतिश्री कर लिया। भवन की दीवारों में दरारें आज भी बरकरार है। पूर्व पार्षद भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए जांच उपरांत दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं कलेक्टर जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं।
CG News: दरअसल, महासमुंद नगर से सटे ग्राम खैरा मे शासकीय आयुष पॉलीक्लिनिक के भवन का निर्माण ढ़ाई करोड़ की लागत से निर्माण एजेंसी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) ने कराया और 29 नवंबर 2023 को उस वक्त के तत्कालीन जिला आयुर्वेद अधिकारी ने भवन का हैंडओवर लिया। पांच महीने बाद ही आयुष पॉलीक्लिनिक के चिकित्सा अधिकारी ने 20 अप्रैल 2024 को जिला आयुर्वेद अधिकारी को लिखित शिकायत कर बताया कि भवन की दीवारों दरारें पड़ गई है। सीलिंग से सीपेज हो रही है। सभी वाटरटैप में पानी का फ्लो कम है। जिसकी शिकायत मौखिक रुप से इंजीनियर से करने के बाद भी समस्या ज्यों का त्यों बनी हुई है। आयुष चिकित्सा अधिकारी की शिकायत पर तत्कालीन जिला आयुर्वेद अधिकारी ने इसकी लिखित शिकायत विभाग के संचालक से की, लेकिन समस्या अभी तक नहीं सुलझ पाया है।
महासमुंद नगरपालिका के पूर्व पार्षद मनीष शर्मा का कहना है कि मैं कुछ दिन पहले गया था तो दीवारों में दरारे दिख रही है। छत से सीपेज आ रहा है, जिससे साफ पता चलता है कि भवन निर्माण के समय निर्माण एजेंसी ने गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया है। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस पूरे मामले मे निर्माण एजेंसी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड (सी जी एम एस सी) के उप अभियंता का कहना है कि कुछ इश्यू आये थे जिसे दूर किया गया था अभी भी इश्यू है तो दूर करने का प्रयास किया जायेगा। मामले मे कलेक्टर विनय कुमार लंगेर का कहना है कि आप से ये बाते संज्ञान मे आई है, जिसकी जांच करा कर दोषी पाये जाने पर संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। गौरतलब है कि शासन ने वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड ( सी जी एम एस सी ) को प्रदेश के आठ जिलो मे आयुष पाॅलीक्लिनिक बनाने के लिए 20 करोड़ 40 लाख रुपये आवंटित किये थे । उसमे से एक महासमुंद जिले का भी आयुष पाॅलीक्लिनिक था । बहरहाल देखना होगा कि अब इस पूरे मामले के जांच रिपोर्ट क्या आती है।