Tendupatta bonus fraud: तेंदूपत्ता बोनस वितरण में 7 करोड़ का गबन, 11 समितियों के प्रबंधक सस्पेंड, अब FIR की तैयारी

Tendupatta bonus fraud: अब जिन प्रबंधकों की मिलीभगत से यह पूरा घोटाला अंजाम दिया गया था, उन पर वन विभाग ने कार्रवाई शुरू की है। चिन्हित तेंदूपत्ता समितियाें को भंग करने के साथ ही उनके प्रबंधकों को हटा दिया गया है।

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  • Publish Date - May 6, 2025 / 10:53 PM IST,
    Updated On - May 6, 2025 / 10:54 PM IST
HIGHLIGHTS
  • वितरण राशि में किया गया था घोटाला
  • वन विभाग स्वयं कर रहा तेंदूपत्ता की खरीदी
  • इन प्रबंधकों के खिलाफ एफ आई आर करने की तैयारी

सुकमा: Tendupatta bonus fraud वन मंडल में तेंदूपत्ता बोनस वितरण में आदिवासियों के 7 करोड़ गबन करने के मामले में वन विभाग के डीएफओ अभी जेल में हैं। वहीं अब जिन प्रबंधकों की मिलीभगत से यह पूरा घोटाला अंजाम दिया गया था, उन पर वन विभाग ने कार्रवाई शुरू की है। चिन्हित तेंदूपत्ता समितियाें को भंग करने के साथ ही उनके प्रबंधकों को हटा दिया गया है।

तेंदूपत्ता बोनस वितरण में आदिवासियों के 7 करोड़ गबन करने के मामले की कार्रवाई में 11 समितियों के प्रबंधकों को निलंबित किया गया है। उनकी जगह नए प्रशासक तैनात किए गए हैं। इस बार वन विभाग स्वयं तेंदूपत्ता की खरीदी कर रहा है, जिससे गड़बड़ी को रोका जा सके। साथ ही नक्सली फंडिंग पर लगाम भी लगाई जा सके।

इस मामले में अब तक 56 लाख रुपए से अधिक की राशि प्रबंधकों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए सरकारी खाते में जमा की है। इसे हितग्राहियों को बांटने की तैयारी है, जितनी भी समितियों में गड़बड़ी की गई हैं, उनमें सभी अत्यंत नक्सल प्रभावित क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रही थी। जांच पूरी होने के बाद इन प्रबंधकों के खिलाफ वन विभाग एफ आई आर करने की तैयारी कर रहा है। जिससे तेंदूपत्ता बोनस की राशि वसूल कर दोबारा वितरित की जा सके।

वितरण राशि में किया गया था घोटाला

Tendupatta bonus fraud, बता दें कि बीते दिनों ACB और EOW ने तेंदूपत्ता बोनस गबन मामले में छापेमार कार्रवाई थी। सुकमा जिले में 12 स्थानों पर छापेमार कार्रवाई की गई थी। इस दौरान मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक अकाउंट एवं निवेश से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए हैं। साथ ही डीएफओ कार्यालय के कर्मचारी के निवास से नगद 26 लाख रुपये मिले थे।

आपराधिक षड़यंत्र कर वर्ष 2021- 2022 सीजन के तेंदुपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक के लिए प्रदान की जाने वाली राशि (करीब 7 करोड़) को संग्राहकों को वितरित नहीं किया। बल्कि सभी ने मिलकर उस राशि का गबन कर लिया। जिसके संबंध में आपराधिक न्यास भंग करने और उसमें से कुछ राशि निजी व्यक्तियों को दिये जाने के संबंध में अपराध दर्ज किया गया था।

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तेंदूपत्ता बोनस गबन मामला क्या है?

उत्तर: यह मामला छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का है, जहाँ आदिवासी तेंदूपत्ता संग्राहकों को दिए जाने वाले बोनस (करीब ₹7 करोड़) का घोटाला हुआ है। यह राशि वर्ष 2021-2022 के बोनस वितरण सीजन के लिए दी गई थी, जिसे वन विभाग के कुछ अधिकारियों और तेंदूपत्ता समितियों के प्रबंधकों ने आपसी मिलीभगत से गबन कर लिया।

इस घोटाले में कौन-कौन शामिल हैं?

उत्तर: अब तक की जांच में वन विभाग के डीएफओ (Divisional Forest Officer) को जेल भेजा जा चुका है और 11 तेंदूपत्ता समितियों के प्रबंधकों को निलंबित कर दिया गया है। इन सभी पर आदिवासियों को मिलने वाली राशि का दुरुपयोग करने का आरोप है।

अभी तक क्या कार्रवाई हुई है?

उत्तर: 11 समितियाँ भंग कर दी गईं हैं। सभी प्रबंधकों को निलंबित कर नए प्रशासकों की नियुक्ति की गई है। अब वन विभाग खुद तेंदूपत्ता की खरीदी कर रहा है। गबन की गई राशि में से ₹56 लाख से अधिक की राशि वसूली जा चुकी है। ACB और EOW ने 12 स्थानों पर छापे मारे हैं। अब FIR दर्ज करने की तैयारी हो रही है।