Environment Day Special: ग्रीन गुरु आर्यम महाराज ने मसूरी से शुरू किया वृक्षारोपण अभियान, इस साल देश भर में 51 हज़ार वृक्ष लगाएगा आर्यम समुदाय

Environment Day Special: विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर 'मेरा पौधा, मेरा जीवन, मेरे संग' अभियान प्रारंभ हुआ । आर्यम समुदाय ने इस वर्ष देश भर में 51 हज़ार वृक्ष लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है । आर्यम महाराज को उनके पर्यावरण और प्रकृति प्रेम को देखते हुए ग्रीन गुरु के रूप में जाना जाता है ।

Environment Day Special: ग्रीन गुरु आर्यम महाराज ने मसूरी से शुरू किया वृक्षारोपण अभियान, इस साल देश भर में 51 हज़ार वृक्ष लगाएगा आर्यम समुदाय

Environment Day Special, image source: ibc24

Modified Date: June 5, 2025 / 05:02 pm IST
Published Date: June 5, 2025 4:46 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 'मेरा पौधा, मेरा जीवन, मेरे संग' अभियान प्रारंभ
  • आर्यम इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन के तत्त्वावधान में संचालित भगवान शंकर आश्रम का सराहनीय प्रयास
  • आर्यम महाराज के संकल्प और प्रयासों से वर्ष 2016 से चल रहा अभियान

Environment day special,   मसूरी(देहरादून): देवभूमि उत्तराखण्ड में अवस्थित आर्यम इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन के तत्त्वावधान में संचालित भगवान शंकर आश्रम द्वारा आनंद वाटिका प्रकल्प के अंतर्गत हस्त अहोरात्र नक्षत्र की दशमी तिथि गंगा दशहरा, विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर ‘मेरा पौधा, मेरा जीवन, मेरे संग’ अभियान प्रारंभ हुआ । आर्यम समुदाय ने इस वर्ष देश भर में 51 हज़ार वृक्ष लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है । आर्यम महाराज को उनके पर्यावरण और प्रकृति प्रेम को देखते हुए ग्रीन गुरु के रूप में जाना जाता है ।

ट्रस्ट के मुख्य अधिष्ठाता परमप्रज्ञ जगद्गुरु प्रोफ़ेसर पुष्पेंद्र कुमार आर्यम महाराज के संकल्प और प्रयासों से यह अभियान वर्ष 2016 से चल रहा है । आर्यम गुरुदेव ने कहा कि बढ़ती गर्मी और ग्लोबल वार्मिंग में केवल वृक्षारोपण ही हमारे और पृथ्वी के स्वास्थ को संतुलित रख सकता है। बाढ़, सूखा, प्रदूषण और अन्य प्राकृतिक घटनाओं का हेतु वृक्षों की कटाई है। उनका कहना है कि जो व्यक्ति पेड़ पौधों के संग साथ है, उनकी सेवा में रत है और प्रकृति में ईश्वरीय ऊर्जा की झलक देखता है वो दीर्घजीवी ही नहीं बल्कि सचेत मनुष्य के रूप में स्थापित होता है।

 ⁠

read more:  CG News : खुद को बदनाम करने हर महीने 15000 रुपए खर्च करते हैं छत्तीसगढ़ के ये भाजपा विधायक, बकायदा रखे हैं एक कर्मचारी, पीएम मोदी तक पहुंची शिकायत

Environment Day Special, image source, भगवान शंकर आश्रम के तत्त्वावधान में गुरुदेव के सानिध्य में आनंद वाटिका प्रकल्प, इसी विचार को व्यावहारिक जीवन में उतारने की कोशिश है। आश्रम के क्षेत्र में आज दस हज़ार से अधिक वृक्ष लहलहा रहे हैं। यह छह वर्गों में बाँटे जा सकते हैं – ज्योतिषीय, नक्षत्रीय, आध्यात्मिक, आयुर्वादिक, भौगोलिक और सजावटी। प्रमुख ज्योतिषीय, नक्षत्रीय, और आध्यात्मिक पौधों में चीड़, शीशम, पीपल, बरगद, शम्मी, मदार, आम, गूलर, रुद्राक्ष, कपूर, टिमरू, बाँझ, जैकरंडा, तोता, सत्यानाशी, धतूरा, पारिजात, सहदेवी, गरुड़, विष्णु कमल, लक्ष्मी कमल, सामान्य कमल इत्यादि मौजूद हैं। वहीं आयुर्वादिक में इलाइची, लेमनग्रास, ओलिव, तेजपत्ता, आमला, लौंग, दालचीनी, हल्दी, वैजयंती, अलोवेरा, रीठा, सिकाकाई ,केला, बिच्छू बूटी, इत्यादि हैं। भौगोलिक में बाँझ, टिमरू, बुरांश, देवदार, चीड़, किन्नौर, साइप्रस इत्यादि हैं। फल प्रदायक में जामुन, माल्टा, अखरोट, बादाम, आडू ,अंजीर,खुमानी,पल्म, संतरा,नारंगी,जमोया इत्यादि वृक्ष मौजूद हैं। अंत में सजावटी पौधों में बिगोनिया, गुड़हल, सिलवासा, मधुमालती, बाँस, फ़्यूशिया, गुलाब, झाड़ गुलाब, इत्र गुलाब, लिली, लोटा बाँस, बॉटल ब्रश, मोगरा इत्यादि हैं।

read more: Indore News: मर गई माँ की ममता! अपने ही जिगर के टुकड़े को घर के आंगन में बनी टंकी में मार कर फेंका, वजह जानकर पैरों तले खिसक जाएगी जमीन

समस्त उत्तराखंड में केवल भगवान शंकर आश्रम में ही रक्त और श्वेत वर्णी ब्रह्मकमल खिलते हैं। ब्रह्मकमल का मसूरी की घाटी में उगना स्वयं में अद्वितीय है, चूँकि जो तापमान और वातावरण इन्हें चाहिए वह केवल हिमालय पर्वत की ऊँची कंदराओं में ही संभव है और वहीं ये अक्सर खिलते हैं। आर्यम जी महाराज का कहना है कि पेड़ पौधों को केवल पानी, खाद-मिट्टी, और धूप ही नहीं बल्कि भाव भी चाहिए होता है। ब्रह्मकमल उन पौधों में से एक है जिसमें स्वयं परमात्मा का वास है। ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मकमल को खिलता देख आप जो भी मनोकामना माँगते हैं उस पर माँ पार्वती की विशेष कृपा होती है। फूलों परमात्मा को अर्पित किए जाते हैं किंतु ब्रह्मकमल की पूजा की जाती है।

ट्रस्ट की अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी ने बताया कि आर्यम जी महाराज के सानिध्य में आज विश्व पर्यरण दिवस पर, अपराजिता, रुद्राक्ष, बेलपत्र और कपूर के पौधे रोपे गए। जहाँ वृक्षों की कटाई अतिशयता से हो रही है वहीं आयर्म महाराज ने इस वर्ष इक्यावन हज़ार वृक्षों को रोपने का लक्ष्य रखा है। मेरा पौधा मेरा जीवन मेरे संग अभियान वर्ष 2016 से अद्यतन है। उन्होंनें देश विदेश में अपने शिष्यों से आह्वान किया है कि वो पर्यावरण के संरक्षण के भागी बनें चूँकि प्रकृति के संवर्धन से ही मानव जीवन का विकास संभव है। कार्यक्रम के आयोजन में वन विभाग मसूरी के अधिकारियों का भी सहयोग रहा । आज के इस वृक्षारोपण अभियान के अवसर पर माँ यामिनी,राकेश रघुवंशी, संध्या रघुवंशी, सुनील आर्य, ज्योति, श्वेता जयसवाल, रमन सिंह, हर्षिता आर्यम आदि उपस्थित थे ।

read more:  Chhattisgarh के Crazy Reelbaaz ने दांव पर लगा दी जान, लोकोपायलेट ने किया ऐसा काम वीडियो हो गया Viral


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com