AIMIM activated for MP assembly elections 2023 : भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। जिसके लिए कई राजनीतिक दल सक्रिय हो गए है। बीजेपी ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए जिला स्तर पर तैयारियां तेज कर दी है तो वहीं कांग्रेस ने भी अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले सक्रिय कर दिया है। इसी बीच भाजपा और कांग्रेस के अलावा बसपा, आम आदमी पार्टी ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं ओवैसी की पार्टी AIMIM भी अब मैदान में कूद चुकी है।
AIMIM activated for MP assembly elections 2023 : प्रदेश का विधानसभा चुनाव पेंचीदा होने वाला है। क्योंकि बीजेपी कांग्रेस के बजाए ओवैसी की पार्टी AIMIM भी चुनावों में दम दिखा रही है। AIMIM ने सर्वे भी पूरा कर लिया है, 33 सीटों पर कैंडिडेट उतारने की तैयारी भी हो चुकी है। बस अब AIMIM को दमदार चेहरे की तलाश है। खैर ये तो तय है कि ओवैसी के आने से कांग्रेस की हालत ज़रुर नाजुक हो सकती है। फिलहाल ओवैसी ने एमपी में भी बीजेपी को खुश होने का मौका जरुर दे दिया है।
AIMIM activated for MP assembly elections 2023 : मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में फिलहाल सिर्फ 5 महीनों का वक्त बचा है। कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस जीत की उम्मीद से है। लेकिन कांग्रेस की मुश्किलें बीजेपी के बजाए दूसरे दल बढ़ा रहे हैं। दरअसल ओवैसी की पार्टी AIMIM ने एमपी के चुनावों में हिस्सा लेने की दम खम के साथ तैयारी की है। दावा किया जा रहा है कि AIMIM ने अपने सर्वे में एमपी की 50 सीटों पर खुद को मजबूत स्थिती में पाया है। खासकर 33 उन सीटों पर जिनमें मुसलमान वोटर निर्णायक हैं। AIMIM की कोशिश ये भी है दलितों,पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के वोटों के सहारे एमपी में सियासी जमीन मजबूत की जाए। AIMIM के नेता तौकीर निजामी का कहना है कि औवेसी 50 सीटों पर मुसलमान प्रत्याशियों के अळावा दलितों,पिछड़ों को भी मौका देंगे।
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जाहिर है AIMIM की तैयारी देखकर कांग्रेस सकते मे है। कांग्रेस को डर है कि AIMIM बीजेपी के बजाए सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस की ही पहुंचाएगी। कांग्रेस को माइनॉरिटी वोट बैंक खिसकने की भी चिंता सताए जा रही है। उधर बीजेपी कांग्रेस को मिल रहे झटकों से खुश है। बीजेपी जानती है कि जितने माइनॉरिटी वोट ओवासी की पार्टी की तरफ शिफ्ट होंगे उतना ही बीजेपी की सेहत के लिए अच्छा होगा। हालांकि दोनों ही दल ये ज़रुर दावा कर रहे हैं कि ओवैसी की पार्टी वोट कटुआ है। जो एमपी में सिर्फ वोट काटने ही आ रही है।
दरअसल AIMIM ने नगरीय निकाय चुनावों के जरिए एमपी में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी। पार्टी का सदस्यता अभियान भी जोरों पर चल रहा है। हैदराबाद से ओवैसी और उनके पदाधिकारी एमपी के सियासत की हर अपडेट ले रहे हैं। जाहिर है एआईएमआईएम के आने से कांग्रेस को जरुर धक्का लगेगा। लिहाजा अब कांग्रेस को नए सिरे से रणनीति तैयार कर मैदान में कूदना होगा।