Barwani News: 30 साल बाद लौट आया ‘मरा हुआ बेटा’, गांव में मना जश्न, मां की आंखों में खुशी के आंसू, मृत मान चुके थे परिजन

Barwani News: 30 साल बाद लौट आया ‘मरा हुआ बेटा’, गांव में मना जश्न, मां की आंखों में खुशी के आंसू, मृत मान चुके थे परिजन

Barwani News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • तीन दशक बाद घर लौटा रमेश,
  • जिसे मृत मान चुके थे परिजन,
  • गांव में ढोल-नगाड़ों से हुआ स्वागत,

बड़वानी: Barwani News: तीस साल का इंतज़ार, तीस साल की जुदाई और आखिरकार परिजनों को उनका बिछड़ा हुआ बेटा मिल ही गया। मध्यप्रदेश के बिजासनघाट का रहने वाला रमेश, जो तीन दशक पहले घर से लापता हो गया था अब राजस्थान में सकुशल मिल गया है। जब रमेश अपने गांव लौटा तो पूरा गांव खुशी से झूम उठा। एबी रोड जामनिया निवासी रमेश पिता केसरिया करीब 30 साल पहले अचानक घर से लापता हो गए थे। परिजनों ने उन्हें खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन रमेश का कोई सुराग नहीं मिला।

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Barwani News: कुछ दिन पहले राजस्थान से सूचना मिली कि रमेश वहां सौदान सिंह नामक व्यक्ति के पास हैं। जानकारी मिलते ही सरपंच प्रतिनिधि जितेंद्र जैन और कुछ ग्रामीण राजस्थान पहुंचे और रमेश को सकुशल गांव वापस लेकर आए। सौदान सिंह ने बताया कि करीब आठ-दस महीने पहले रमेश उन्हें बारिश में भीगते और बीमार हालत में मिले थे। पूछने पर वह कुछ नहीं बोले लेकिन उन्होंने इंसानियत दिखाते हुए रमेश को खाना और सहारा दिया। इसी दौरान एमपी पुलिस के जवान देवेंद्र परमार से सौदान सिंह की मुलाकात हुई। देवेंद्र परमार ने रमेश से बात कर उनकी पहचान की पुष्टि की और कंट्रोल रूम के माध्यम से परिजनों को सूचना दी। तीन दशक बाद जब रमेश घर लौटे तो मां और बहनें खुशी से उन्हें दुलारने लगीं। ग्रामीणों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया और ढोल-मांदल की थाप पर झूमते हुए रमेश को उनके घर तक लेकर गए। पूरे गांव में जश्न और भावुक नज़ारा देखने को मिला।

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Barwani News: रमेश के मामा के बेटे सखाराम डावर ने बताया की रमेश करीब तीस साल पहले कहीं चला गया था। इसकी दो शादियाँ भी हुईं, लेकिन कोई भी पत्नी इसके साथ नहीं रही। बहुत सालों तक इसे ढूंढते रहे लेकिन कुछ पता नहीं चला। लगभग 10–12 साल इंतजार करने के बाद हमारी धार्मिक परंपराओं के अनुसार रमेश को मृत मानकर उसका बारवां और कारण किया गया था। आज जब इसके मिलने की सूचना मिली और हमने वीडियो-फोटो के ज़रिए इसकी पहचान की तो इसे घर वापस लेकर आए। आज परिवार में बहुत खुशी है जैसे किसी बच्चे का जन्म हुआ हो।

"बड़वानी लापता युवक मिलने" की घटना कब की है?

यह घटना सितंबर 2025 की है जब रमेश नामक व्यक्ति तीस साल बाद अपने गांव लौटा।

"बड़वानी लापता युवक मिलने" में युवक कहाँ से मिला?

रमेश राजस्थान में सौदान सिंह नामक व्यक्ति के पास मिले, जिन्होंने उन्हें शरण दी थी।

"बड़वानी लापता युवक मिलने" में पुलिस की क्या भूमिका रही?

एमपी पुलिस के जवान देवेंद्र परमार ने पहचान की पुष्टि कर परिजनों को सूचना दी।

क्या "बड़वानी लापता युवक मिलने" के बाद गांव में जश्न मनाया गया?

हाँ, पूरे गांव ने ढोल-नगाड़ों के साथ रमेश का स्वागत किया और भावुक माहौल बना।

क्या रमेश को मृत मान लिया गया था?

जी हाँ, धार्मिक परंपराओं के अनुसार लगभग 10–12 साल बाद उसे मृत मानकर क्रियाकर्म कर दिया गया था।