बड़वानी: Son Return Home After 17 Years सेंधवा ब्लॉक के धनोरा के नवाड फलिया में रहने वाला प्रेमसिंग पिता लछिया मानसिक रूप से विक्षिप्त होने से साल 2006 में घर से बिना बताया कही चला गया था। परिवार से उसकी खूब तलाश की लेकिन वो नहीं मिला। डेढ़ से दो साल तलाश करने के बाद परिवार के लोगो ने प्रेमसिंग को मृत समझ लिया 2014 में प्रेम सिंह की मां चल बसी, जिसकी अंतिम संस्कार के साथ साथ प्रेम सिंह का भी सामाजिक रीति रिवाज अनुसार अंतिम क्रियाक्रम कर दिया।
Son Return Home After 17 Years वहीं, 24 फरवरी 2023 को महाराष्ट्र के मुंबई के पास स्थित संस्था श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन के डॉ तुषार गुले प्रेमसिंग को सकुशल उसके घर लेकर पहुंचे, तो परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। छोटे भाई दिलीप ने बताया की बचपन से भाई धार्मिक प्रवृत्ति का था खेती में काम करने के साथ पूजा पाठ करता था 2001 से भाई की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी 2006 में पूरी तरह पागल हो गया था इसके बाद धनतेरस के दिन अचानक गायब हो फिर घर लौट के नही आया।
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उन्होंन हमने ढूंढा लेकिन नही मिला। 2014 में मां भी चल बसी इसके बाद हमने भाई प्रेमसिंग को मृत समझ उसका अंतिम क्रियाक्रम कर दिया। हमे तो उम्मीद नहीं थी की भाई जीवित भी होगा। 24 फरवरी को डॉ तुषार भाई को लेकर आए तो पहले हमे यकीन नही हुआ हमारे बड़े बुजुर्गो ने उसकी पहचान की सबसे बड़ी पहचान भाई के हाथ लिखा उसका नाम और बाजू पर बना हनुमान जी का टैटू था। भाई ने भी पिता काका मामा मामी और अपने दोस्तो को पहचान गया। इसके बाद हमारी खुशी का ठिकाना नहीं था।
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डॉ तुषार ने फोन पर चर्चा में बताया की प्रेमसिंग को जनवरी 2021 में रत्नागिरी के मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती किया था। 2 साल तक चले इलाज के बाद जनवरी 2023 में उसे हमारी संस्था श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन के सुपुर्द किया गया। प्रेम सिंह धीरे-धीरे ठीक हो चुका था इसके बाद उसकी काउंसलिंग की गई उसने नाम तो ठीक से नहीं बताया लेकिन अपना पता धीरे-धीरे उसे याद आया इसके बाद उसे लेकर यहां पहुंचे और परिजनों के सुपुर्द किया हमें भी बहुत खुशी है।