मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अम्बेडकर जयंती पर महू में करेंगे श्रद्धांजलि अर्पित,
भोपाल: Ambedkar Jayanti 2025: 14 अप्रैल को भारत रत्न, संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के पुरोधा डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव डॉ. अम्बेडकर नगर महू स्थित उनकी पावन जन्मभूमि पर आयोजित समारोह में सम्मिलित होंगे।
Ambedkar Jayanti 2025: मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रातः 11 बजे डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके पश्चात वे अम्बेडकर स्मारक स्थित अस्थि कलश पर पुष्पवर्षा कर बुद्ध वंदना में भाग लेंगे। इस दौरान भन्ते धर्मशील जी की प्रतिमा पर भी मुख्यमंत्री द्वारा माल्यार्पण किया जाएगा। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा सामाजिक समरसता और बौद्धिक चेतना को समर्पित एक पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा। साथ ही, समाज में उल्लेखनीय योगदान देने वाली विभूतियों को भीम रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
Ambedkar Jayanti 2025: प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी इंदौर जिले के महू में डॉ. अम्बेडकर जयंती अत्यंत श्रद्धा, सम्मान और गौरव के साथ मनाई जा रही है। यह आयोजन न केवल बाबा साहेब को श्रद्धांजलि है, बल्कि उनके विचारों को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम भी है। डॉ. अम्बेडकर की विचारधारा हमें समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का मार्ग दिखाती है। महू की भूमि, जहाँ उनका जन्म हुआ, आज भी प्रेरणा का अक्षुण्ण स्रोत बनी हुई है।
डॉ. अम्बेडकर जयंती हर वर्ष 14 अप्रैल को मनाई जाती है, जो बाबा साहेब के जन्मदिन के रूप में पूरे भारत में श्रद्धा के साथ मनाई जाती है।
"अम्बेडकर जयंती महू" में क्या-क्या कार्यक्रम होते हैं?
महू में डॉ. अम्बेडकर जयंती के अवसर पर प्रतिमा पर माल्यार्पण, अस्थि कलश पर पुष्पवर्षा, बुद्ध वंदना, पुस्तक विमोचन और भीम रत्न अवार्ड का वितरण जैसे प्रमुख कार्यक्रम होते हैं।
"भीम रत्न अवार्ड" क्या है?
भीम रत्न अवार्ड उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने समाज सेवा, सामाजिक समरसता, शिक्षा या अन्य क्षेत्रों में विशेष योगदान दिया हो।
डॉ. अम्बेडकर का जन्म "महू" में कब हुआ था?
डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू (अब डॉ. अम्बेडकर नगर) में हुआ था।
"अम्बेडकर स्मारक महू" कैसे पहुँचा जा सकता है?
अम्बेडकर स्मारक महू, इंदौर जिले में स्थित है और इंदौर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है। यह सड़क मार्ग, रेलवे और निजी वाहनों के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है।