मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला, नर्सिंग और पैरामेडिकल की पढ़ाई भी करा सकेंगे आर्युवैदिक विश्वविद्यालय

Mohan Cabinet Big decision: वहीं एक अन्य फैसले में मप्र आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया गया है। जिसके तहत अब नर्सिंग और पैरामेडिकल की पढ़ाई भी आर्युवैदिक विश्वविद्यालय करा सकेंगे।

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  • Publish Date - January 23, 2024 / 05:53 PM IST,
    Updated On - January 23, 2024 / 05:55 PM IST

Special committee formed for corrupt people

Mohan Cabinet Big decision: भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक में कई अहम मुद्दों पर फैसले किए हैं। वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की प्रेस ब्रीफिंग कर कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि एमपी कैबिनेट ने बड़ा फैसल लेते हुए चिकित्सा और स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को मर्ज कर दिया है। अब प्रदेश में मेडीकल कॉलेज और अस्पतालों की जिम्मेदारी एक ही मंत्री के पास रहेगी।

वहीं एक अन्य फैसले में मप्र आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया गया है। जिसके तहत अब नर्सिंग और पैरामेडिकल की पढ़ाई भी आर्युवैदिक विश्वविद्यालय करा सकेंगे।

वहीं माल और सेवाकर संशोधन अध्यादेश 2024 पर भी मुहर लगा दी है। 6 महीने के भीतर विधानसभा में बिल न आने पर दोबारा अनुमोदन हुआ है।

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इसके अलावा मल्हारगढ़ लिफ्ट इरिगेशन परियोजना को स्वीकृति दी गई है। यह परियोजना अशोकनगर के मुंगावली में स्थित है। जेपी बीना पावर कंपनी बेतवा नदी से लिफ्ट करेगी। जिससे 26 गांवों के 7500 हेक्टेयर में सिंचाई होगी।

रतलाम के बैराज बांध पर भी मंझुलिया समूह जल परियोजना को मंजूरी दी गई है। 1 हज़ार से ज्यादा आदिवासी गांवों को पीने का पानी मिलेगा। 204 करोड़ की लागत से घर घर पीने का पानी सरकार पहुंचाएगी।

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जल प्रदूषण निवारण अधिनियम 1974 में भी संशोधन को मंजूरी दी गई है। कोर्ट का अधिकार प्रदूषण कंट्रोल के अधिकारियों को दिया जाएगा। भारत सरकार को प्रस्ताव मप्र सरकार भेजेगी। छोटे छोटे मामलों की सुनवाई के अधिकार अधिकारियों को दिये जाएंगे।

मप्र के सभी जिलों में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने को अनुमति दी गई है। पुराने कॉलेजों को अपग्रेड किए जाने पर फैसला भी लिया गया है।

अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षक कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ मिलेगा। जनजातीय विभाग के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा।