gang of snake charmers
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दुष्यन्त पाराशर, भोपाल:
gang of snake charmers caught नागपंचमी पर NGO ने बड़े पैमाने पर पीपल फॉर एनीमल्स भोपाल की टीम के माध्यम से भोपाल शहर के विभिन्न क्षेत्रों से सपेरे एवं करोड़ों की कीमत के सांप को पकड़ा है और लोगों को जागरूक करते हुए बताया गया कि सपेरे सांपों के साथ किस तरह क्रूरता करते हैं। पीपल फॉर एनीमल्स की स्वाति गौरव, आदिल खान ने लोगों को बताया कि, किस तरह से सपेरों ने सांपों के मुंह की सिलाई की है और एडहेसीव से सांपों का मुंह चिपका दिया है।
उन्होंने बताया कि सांप सरीसृपों में आते हैं और वे प्राकृतिक रूप से दूध नहीं पीते, सपेरों के माध्यम से महीनों सांपों को भूखा प्यासा रखा जाता है जिसकी वजह से उनका शरीर डीहाइड्रेट हो जाता है और सांप मजबूरी में दुध पीते हैं जिस वजह से सांप के पेट में रिएक्शन होने की वजह से सांप की दर्दनाक मृत्यु हो जाती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों कीमत
वहीं अयान खान, अथरव, वरूण, दिव्या और विना ने एक सपेरे के पास से दुर्लभ प्रजाति के रेड सैंड बोया प्रजाति का पकड़ा सांप को भी पकड़ा है जो कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत अनुसूची एक में आता है जिसे बाघ और तेंदुए के बराबर अनुसूची एक में संरक्षण का दर्जा प्राप्त है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करोड़ों में बताई जाती है। बात दें कि वन विभाग ने सैंड बोया पकड़ने वाले तस्कर को पकड़कर पूछताछ की गई तो सपेरों ने बताया कि वे किस तरह से सांपो के मुंह सिलकर लाए थे।
gang of snake charmers caught इन सपेरों ने सांप के मुंह में प्लास्टिक चिपकाने वाला फेविकविक चिपकाया था। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची NGO टीम और पीपल फॉर एनीमल्स की टीम ने सैंड बोया सहित 19 जहरीले सांपो को सपेरे सहित पकड़ा। लगभग अठारह कोबरा सांप सपेरों से छुड़ा कर वन विभाग के सुपुर्द किया गया।