सियासत का बदलावपुर! हबीबगंज के बाद अब ​मिंटो हॉल का बदला जाएगा नाम, कांग्रेस ने मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया

आज बात नाम बदलने पर हो रही सियासत की लेकिन उसके पहले एक अहम मुद्दा....आखिर लोकतंत्र और राजतंत्र में सबसे बड़ा अंतर क्या है....लोकतंत्र जहां अपने साथ हुई अच्छी और बुरी बातों को साथ लेकर चलता है वहीं राजतंत्र गलत बातों से खुद को अलग कर लेता है...

  •  
  • Publish Date - November 27, 2021 / 10:40 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

भोपाल। आज बात नाम बदलने पर हो रही सियासत की लेकिन उसके पहले एक अहम मुद्दा….आखिर लोकतंत्र और राजतंत्र में सबसे बड़ा अंतर क्या है….लोकतंत्र जहां अपने साथ हुई अच्छी और बुरी बातों को साथ लेकर चलता है वहीं राजतंत्र गलत बातों से खुद को अलग कर लेता है….मध्यप्रदेश में 15 दिन के अंदर ही हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति पर रखा गया और अब मिंटो हॉल को कुशाभाऊ ठाकरे के नाम करने की घोषणा कर दी गई।

read more: एमएसआरटीसी हड़ताल: 18 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम पर लौटे, करीब तीन हजार कर्मी निलंबित
बीजेपी कार्यसमिति की बैठक के आखिरी में जब मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने मिंटो हॉल की घोषणा की तो काफी देर तक तालियां बजती रही….हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति पर रखे जाने के बाद ये नाम बदलने को लेकर दूसरा बड़ा फैसला है…वैसे बीजेपी के अंदर से ही मिंटो हॉल का नाम वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद, डॉ हरिसिंह गौर रखने जाने की आवाज उठ रही थी…अब बीजेपी नेहरु–गांधी के जरिए इस मामले में कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा कर रही है।

read more: पिछली सरकार के विपरीत मोदी सरकार ने करोड़ों शौचालय बनवाकर महिलाओं को सम्मान दिया:ईरानी
दूसरी तरफ कांग्रेस ने आदिवासी सम्मान के मद्देनजर मिंटो हॉल का नाम टंट्या भील पर रखे जाने की मांग की थी….क्योंकि पार्टी जानती है कि जिस तरीके से सरकार आदिवासी हितों को लेकर आक्रमक तरीके से काम कर रही है उसे रोकने के लिए टंट्या भील के नाम को आगे बढ़ाना फायदेमंद रहेगा…ऐसे में जब मिंटो हॉल का नाम बीजेपी को खड़ा करने वाले कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर रखा गया है.. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी नाम बदलने की राजनीति करके मूल मुद्दों ध्यान हटाना चाहती है।

read more: भारत ने पोलैंड को 8-2 से रौंदा, क्वार्टरफाइनल में होगा बेल्जियम से सामना
वैसे भोपाल से चली नाम बदलने की हवा अब इंदौर तक पहुंच गई है….वहां इंदौर का नाम बदलकर इंदूर करने की मांग हो रही है…लेकिन लोकसभा अध्यक्ष और इंदौर से बीजपी की सांसद रह चुकी सुमित्रा महाजन का कहना है कि इसकी जरुरत नही है..साफ है कि इससे अगले कुछ दिनों तक भले ही इंदौर का नाम बदलने की मुहिम शांत हो जाए लेकिन आगे ऐसा नहीं होगा ये कहना मुश्किल है।